नवरात्रा में कन्याओं को उपहार देने का महत्व | Suresh Shrimali
नवरात्रा में कन्याओं को उपहार देने का महत्व
दर्शकों, नवरात्रि के इन विशेष दिनों पर की गई उपासना-आराधना से देवी भक्तों पर प्रसन्न होती है। लेकिन पुराणों में वर्णित है की मात्र श्लोक-मंत्र-उपवास और हवन से देवी को प्रसन्न नहीं किया जा सकता है। आप भी कुछ विशेष भेंट, उपहार आदि कन्याओं को देकर महाशक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है। होता यह है कि हम अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं को भोजन पर आमंत्रित कर उनके चरण धोकर उन्हें भोजन करवाते हैं। लेकिन प्रतिपदा से नवमी तक सभी दिनों अलग-अलग आयु वर्ग की कन्याओं को उपहार देने का अलग महत्व है। किस दिन क्या उपहार देना माता को प्रसन्न करता है। आईए जानते हैः-
प्रथम दिन-उन्हें पुष्प उपहार स्वरूप देना शुभ रहता है। साथ ही यदि आप माँ सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते है तो उन्हें सफेद फूल अर्पित करें अन्यथा भौतिक कामनाओं हेतु लाल पुष्प देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
दूसरे दिन-फल देकर इनका पूजन करें। याद रखे कि फल खट्टे न हो।
तीसरे दिन-मिठाई खिलाकर इनसे आशीर्वाद प्राप्त करें, यदि आप चाहे तो घर की बनी खीर या हलवा भी खिलाकर उन्हें प्रसन्न कर सकते है।
चैथे दिन-वस्त्र देकर आशीर्वाद ले, वस्त्र सामथ्र्य अनुसार दें, असमर्थ हैं तो रूमाल भी भेंट स्वरूप दे सकते है।
पांचवे दिन-सौभाग्य व संतान वृद्धि हेतु श्रृंगार सामग्री देना अत्यन्त शुभ फलदायी होता है।
छठे दिन-कन्याओं को खेल-खिलौनों की सामग्री उपहार स्वरूप देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
सातवें दिन-शिक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार की वस्तुएं जैसे पेन, पेन्सिल, बुक, बोटल आदि देकर उन्हें प्रसन्न करें।
आठवें दिन-इस दिन होमाष्टमी का हवन करके कन्याओं का पूजन किया जाना चाहिए। फिर उन्हें भोजन करवाकर सामथ्र्यनुसार दान-दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवमी तिथि को-कन्याओं को दुर्गा चालीसा की पुस्तकें, लाल चुनरी, पान व ईलायची खिलाएं तथा कन्याओं से घर में गरबा करवाने से भी देवी माँ प्रसन्न होती है और हमें वर्ष भर के लिए सुख-समृद्धि, यश, वैभव, कीर्ति व सौभाग्य का वरदान देती है।
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