MAKAR SANKRANTI || मकर संक्राति पर पांच महाउपाय, काॅन्फिडेंस और काॅन्सट्रेशन बढ़ाएं || SURESH SHRIMALI

मकर संक्राति पर पांच महाउपाय
काॅन्फिडेंस और काॅन्सट्रेशन बढ़ाएं 

सूर्य हमें तेज देता हैं, नई ऊर्जा प्रदान करता है। हमारे हड्डी, नैत्र, कैल्शियम इन सभी के कारक ग्रह सूर्य है, सूर्य हमें काॅन्फिडेंस और काॅन्सटेªशन देते है। समस्याओं से निपटारा पाने की ऊर्जा हम सूर्य से ही पाते है। जिन लोगों को सिरदर्द, बालों की तकलीफ, गर्दन, कंधा, पैरों की तकलीफ, शरीर में कैल्शियम की कमी हैं व हीमोग्लोबिन की कमी है तो उन लोगों को सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए, साथ ही साथ सूर्य साधना सम्पन्न करनी चाहिए।   
जिसका सूर्य निर्बल हो उस व्यक्ति में आत्म विश्वास की कमी होती है। अपने हक की लड़ाई भी वह व्यक्ति नहीं कर पाता है। सूर्य सत्ता प्रदान करता है, सूर्य नेतृत्व के गुण प्रदान करता है। सारे ग्रहों में सूर्य ही राजा हैं। वह ही आपको महात्मा गांधी जी की तरह भीड़ में सबसे आगे, भीड़ को संभालने की व उनका नेतृत्व करने की ताकत देता है। जिससे हम परिवार के मुखिया की तरह व समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति की तरह नेतृत्व संभाल पाते है।
क्या कारण है कि एक मनुष्य उन्नत्ति के शिखर पर पहुंच जाता है और एक व्यक्ति पूरे जीवन सामान्य ही बना रहता है? दोनों में भेद शरीर के भीतर जाग्रत सूर्य तत्व का है और मकर संक्रांति पर्व का सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्वरूप सूर्य साधना है। 
तो आईये जानते है सूर्य पूजा के पांच सरल-सरल उपाय जो इस एक महीने के दौरान किए जा सकते है। अगर आप पूरे महीने करने में असमर्थ है तो मकर संक्रांति के दिन उपायों को अवश्य संपन्न करें।

1.  सूर्य को जल चढ़ाना:-
सुबह सूरज उगने के समय एक ताम्बे के कलश में शुद्ध जल भर लीजिये, इसमें थोड़ा सा लाल चन्दन, गेंहू, रोली और एक लाल पुष्प डालिये। सूर्य के सामने खड़े होकर ‘ऊँ घृणी आदित्य नमः’ का 11 बार मंत्रोचारण करते हुए जल अर्पित करें। ये हमारी सारी बाधाओं और रोगों को खत्म करता है। साथ ही समृद्धि और आनन्द प्रदान करता है। 
2. सूर्य का ध्यान:-
सूर्य देवता का ध्यान गायत्री मंत्र से करना चाहिए, ‘‘ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम। भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात।।’’ इस गायत्री मंत्र को मन में जपते हुए इस प्रकार सूर्य देव का ध्यान करें- सूर्यदेव रथ पर बैठे है, उस रथ में सात घोड़े है, सूर्यदेव का रंग स्वर्ण के समान है, उनके चार हाथ है और सिर पर मुकुट है, उनके चारों ओर से दिव्य प्रकाश निकल रहा है, इस प्रकार ध्यान करने से तुरन्त हमारे मन को शांति मिलती है ज्ञान बढ़ता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होकर काॅन्फिडेंस लेवल बढ़ जाता है। 
3. सूर्य कवच:-
अब हम बात करते है सूर्यकवच के बारे में उसका महत्व और उसका क्या है अर्थ 
आज आमतौर पर सभी लोग कोई ना कोई बीमारी से हैरान और परेशान है कितने ही इलाज करवाने पर भी उसका समाधान नहीं मिल पता है तो ऐसे में सूर्य कवच आपके लिए रामबाण है। जिस प्रकार नाम से ही पता लगता है कि कवच यानि कि सुरक्षा चक्र यह कवच हमारे सम्पूर्ण शरीर की रक्षा करके हमें सौभाग्य और दिव्यता प्रदान करने के साथ-साथ यश और पराक्रम भी देता है। सूर्य की कृपा से हमें सुख-समृद्धि, सुंदर शरीर और संपत्ति मिलती है। 
प्रतिदिन इस कवच का पाठ करने से आपको सूर्य से संबंधित सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर स्वस्थ और सुन्दर काया प्राप्त होगी। यह कवच आपको इन्टरनेट पर आराम से मिल जाएगा और यदि इसमें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो आप हमारें कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है। 
4. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ:-
इस एक महीने के दौरान रोजाना सुबह आदित्य हृदय स्तोत्र का 2 बार पाठ करना चाहिये, पाठ संपन्न करके सूर्यदेव से कहें कि ‘‘मैं आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ आपको प्रसन्न करने के लिये अर्पण करता हूँ’’ इस प्रकार आदित्य स्तोत्र का पाठ बुद्धि और पराक्रम बढ़ाता है। जिससे सभी कार्यों में तेजी से सफलता मिलती है। इतना ही नहीं, पूरी श्रद्धा और भक्ति से ये सभी सूर्य पूजा एक साथ करने से सभी सांसारिक और आध्यात्मिक सुख सहज ही मिल जाते है। सूर्य की रोजाना पूजा करने वाला कभी भी दरिद्र नहीं रहता।  

5. सूर्य संबंधित दान:-
मकर संक्रांति पर तिल एवं गुड़ से बने लड्डु आदि व्यंजनों के दान का विषेष महत्व है। सूर्य तथा शनि दोनों प्रसन्न रखने के लिए इस दिन तिल, गुड़ से निर्मित व्यंजनों का उपयोग करें। साथ ही सूर्याेद्य पूर्व तिल का तेल तथा उबटन लगाकर स्नान करें, तिल से होम करें, तिल डालकर जल पीएं, तिल से बने पदार्थ खाएं, तिल का दान देना-ये कर्म इस दिन करने का हमारे शास्त्रों में विधान है। 

पांच मिनट के उपाय से पंच महाशक्ति पाएं  
अब मैं आपको एक छोटा सा उपाय बताता हूं, इस पांच मिनट के उपाय में आपको मिलेंगे सूर्यदेव से पांच आशीर्वाद काॅन्फिडेंस, काॅन्सटेªशन, एनर्जी, हैल्थ और वैल्थ ये पाचों चीजें आप पा सकते है इस उपाय द्वारा 
इसके लिए आप एक थाली में अष्टगंध द्वारा स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उस पर मंत्रसिद्ध भोजपत्र स्थापित कर दें, फिर उस पर अष्टगंध द्वारा अनार की कलम से इस विशेष सूर्य यंत्र को अंकित कर दें... 

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7 5 3
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फिर यंत्र पर कुंकुंम का छींटा दें, अक्षत चढ़ाएं, पुष्प चढ़ाएं, मौली चढ़ाएं, तिल से बना नैवेद्य चढ़ाए तथा शुद्ध तेल का दीपक कर इस मंत्र की पांच माला जाप करें - मंत्र है ऊँ हृाँ, हृीं, हृौं सः सूर्याय नमः। मंत्र जाप पूर्ण होने के पश्चात सूर्यदेव से प्रार्थना करें कि मैंने पूर्ण श्रद्धा भाव से आपका पूजन संपन्न किया है। आप मुझे आशीर्वाद प्रदान करें तथा मेरी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। इस प्रकार प्रार्थना करने के पश्चात सभी सामग्री यथास्थिति रहने दें तथा अगले दिन यंत्र को फ्रेम करवा कर यंत्र अपने घर के पूजन कक्ष में रख दें। नित्य इस मंत्र की एक माला जाप करें।

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