हिंदुस्तान के विशेष चमत्कारिक हनुमान मंदिर || Suresh Shrimali
हिंदुस्तान के विशेष चमत्कारिक हनुमान मंदिर
तो सबसे पहले बात करते है हिंदुस्तान के कुछ विशेष चमत्कारिक हनुमान मंदिर आप एक बार जरूर जाएं इन विशेष हनुमान मंदिर और अपनी समस्या का समाधान पाएं-
मेहंदीपुर बालाजी
यदि तंत्र बाधा की है समस्या या भूत-प्रेत का है चक्कर अथवा अज्ञात शत्रुओं का है भय। इन सभी समस्याओं से मुक्ति का है एक मात्र स्थान मेहंदीपुर बालाजी। यहां दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करने मात्र से इन सभी समस्याओं से मिलता है छुटकारा, तो एक बार जरूर जाएं तंत्र प्रयोग निवारण के लिए मेहंदीपुर बालाजी।
चमत्कारी घटनाओ और प्रभावों के कारण विश्व भर में रहस्यमयी मंदिर के नाम से प्रसिद्द राजस्थान के दौसा जिले में ‘‘मेहंदीपुर बालाजी‘‘ का ये मंदिर स्तिथ है. ये अजीबो-गरीब तथ्यों को अपने आँचल में समाए हुए है। ये मंदिर दो पहाड़ियों के बीच स्थित है. ऐसी मान्यता है कि अचानक एक बड़ी चट्टान ने पवनपुत्र हनुमानजी की आकृति ले ली. तभी से ये मंदिर अपने अद्धभुत चमत्कारों और शक्तियों के लिए विख्यात है।
बुरी आत्माओं से पीड़ित लोग जब यहाँ से पुर्णतः स्वस्थ हो कर लौटते है तो ये उनके लिए बालाजी के वरदान से कम नहीं, क्योंकि यहाँ से पीड़ित व्यक्ति किसी भी प्रकार की औसधि के सेवन किये बिना ही पूर्णतया स्वस्थ होकर अपने घर लौटता है।
सालासर बालाजी
राजस्थान में ही एक और विश्व प्रसिद्ध हनुमानजी का चमत्कारिक मंदिर है। जो कि सालासर बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ पर हनुमानजी के साक्षात् प्रकट होने की कथा जितनी अभूतपूर्व है उतना ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होना भी। यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर बालाजी दाढ़ी-मूंछो में चमत्कारिक रूप से प्रकट हुए थे। आपकी कैसी भी इच्छा या मनोकामना हो, उसे पूर्ण करने के लिए आप सालासर बालाजी के दर्शन करने अवश्य जाएं और याद रखें कि उस मंदिर से थोड़ी ही दूर उनकी माता अंजनी का भी मंदिर स्थित है, उनके दर्शन करना ना भूलें।
इस मंदिर में पवनपुत्र अपनी माँ की गोद में बैठे है. इस मूर्ति और मंदिर की स्थापना के पीछे भी बड़ी ही रोचक बात है ये है कि हनुमानजी ने अपनी माता से उन भक्तों की समस्याओं के समाधान में कठनाई महसूस करने के बात बतायी जो स्त्री, संतान और योन रोगों से पीड़ित होते है. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ही माता अंजनी को वहा वास करने का निवेदन किया, ताकि इस तरह के सभी भक्तों का कष्ट भी दूर हो सके।
हैदराबाद के चिलकुर बालाजी
टूरिस्ट वीजा हो या वर्क वीजा, अगर आ रही है परेशानी तो एक बार अवश्य जाए हैदराबाद की उस्मान सागर झील के किनारे बने भगवान वैंकटेश्वर बालाजी के मंदिर। हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन यहाँ आकर बालाजी महाराज को अर्जी लगाते हैै। आप सोच रहे होंगे कि अर्जी क्या है और इसे कैसे लगाते है। इस अर्जी में बालाजी महाराज को लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल और भैरो बाबा को उड़द का भोग लगाया जाता है।
यह अर्जी सुबह की आरती के बाद और दिन में लगने वाले भोग के मध्य ही लगायी जाती है। यदि आपके वीजा में भी दिक्कते और परेशानियां आ रही है तो एक बार बालाजी महाराज के दरबार में अर्जी लगा आये। ऐसी मान्यता है कि इनके दरबार से कोई भी व्यक्ति खाली हाथ कभी नहीं लौटता।
देश के जवान करते है इस मंदिर की देखभाल हनुमान टोक
जी हां, यह बजरंग बली का ऐसा अनोखा मंदिर है जहां पुजारी नहीं, सेना के जवान इस मंदिर की पूजा-पाठ और देखभाल करते हैं। यह मंदिर गेंगटोक में हनुमान टोक नाम से 7 हजार फीट ऊंचाई पर बना हुआ है। यह मंदिर उसी जगह स्थापित है जहां संजीवनी बूटी ले जाते समय हनुमानजी ने कुछ समय विश्राम किया था।
अपने परिवार से दूर देश की सरहदों पर तनाव और गोलीबारी के बीच देश की सुरक्षा कर रहे हमारे सेना के जवान इस जगह पर पूरी आस्था रखते हैं और अलग-अलग धर्म होने के बावजूद उनकी रगो में बहता हिंदुस्तानी खून उन्हें कभी इस आस्था से अलग नहीं होने देता। इस चमत्कारिक मंदिर में कैसी भी मनोकामना हो, वो यदि पूरी आस्था और विश्वास के साथ मांगी जाए तो वो अवश्य पूर्ण होती है।
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