Akshay Tratiya || व्यापार वृद्धि कारक साधना || Suresh Shrimali
व्यापार वृद्धि कारक साधना
साधना सामग्री:- प्राणप्रतिष्ठायुक्त अभिमंत्रित व्यापार वृर्द्धक पारदेश्वर शिवलिंग, प्राणप्रतिष्ठायुक्त अभिमंत्रित चांदी निर्मित बिल्व पत्र, प्राणप्रतिष्ठायुक्त अभिमंत्रित व्यापार वृर्द्धक माला एवं प्राणप्रतिष्ठायुक्त अभिमंत्रित व्यापार वृद्धक मणि।
साधना विधान:- आप यह साधना अक्षय तृतीया के दिन प्रातः काल 07 से 10 बजे के मध्य एवं सांयकाल 07 बजे की बाद कभी भी कर सकते है। सर्वप्रथम आप उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे। फिर लकड़ी के बाजोट (पाटा) पर सफेद अथवा पीला वस्त्र बिछाएं। संभव हो सकें तो इस प्रयोग को सम्पन्न करने के लिए पीले वस्त्र पहने। अपने सामने चावल की तीन ढेरी बना लें उस पर थाली स्थापित कर दें, उस पर केसर अथवा अष्टगंध से ‘‘ऊँ‘‘ का चिन्ह बनाएं। उस पर प्राणप्रतिष्ठायुक्त अभिमंत्रित व्यापार वृर्द्धक पारदेश्वर शिवलिंग स्थापित करें तथा इस पर सवा किलो गन्ने के रस लेकर उसमें इत्र मिलाकर तांबे के लोटे द्वारा अभिषेक करें।
अभिषेक हो जाने के पश्चात् थाली को पुनः साफ करके स्थापित करें, पुनः अष्टगंध से ऊँ का चिन्ह बनाएं, ऊँ चिन्ह के ऊपर पुष्प व अक्षत से (चावल) का आसन बनाकर व्यापार वृद्धक पारदेश्वर शिवलिंग को साफ करके विराजमान करें। तत्पश्चात् आप शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं, नैवेद्य (प्रसाद) चढ़ाएं एवं आधा किलो साबूत चावल को हल्दी में मिलाकर इस मंत्र की पांच माला जाप करते-करते चावल चढ़ाते जाएं।
मंत्र:-
‘‘ऊँ नमो भगवते रूद्राय त्रिपुरान्तकाय व्यापार वृद्धि कुरू स्वाहा।‘‘
मंत्र जाप पूर्ण हो जाने के पश्चात् दीपक में सात लौंग, सात कालीमिर्ची व सात ईलायची डाल दें। तत्पश्चात् पुनः थाली को साफ करके पुष्प व अक्षत का आसन बनाकर व्यापार वृर्द्धक पारदेश्वर शिवलिंग को स्थापित करें, इसके ऊपर या पास में चांदी निर्मित बिल्व पत्र व व्यापार वृर्द्धक मणि विराजमान करें एवं उक्त मंत्र की एक माला जाप करें।
एक माला जाप करने के पश्चात् आप भोलेनाथ शिव को हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि मेरी व्यापारिक बाधा दूर हो जाएं व यदि किसी ने मेरा व्यापार बांध दिया तो वह बंधन टूट जाएं, मेरा व्यापार दिन दोगुना रात चैगुना फैल जाएं, मेरी इस प्रार्थना व साधना के दीपक अर्थात् अग्नि देवता साक्षी है। तत्पश्चात् दीपक बुझ जाने पर उसी रात को सवेरे चार बजे से पहले आपको एक लाल कपड़ा लेकर उसमें दीपक वाली सभी सामग्री लपेट कर किसी चैराहे पर छोड़ आएं और वापस घर लौटकर आने पर हाथ-पांव व मुंह धो लें। तत्पश्चात् अगले दिन व्यापार वृर्द्धक पारदेश्वर शिवलिंग एवं व्यापार वृर्द्धक माला को पूजन कक्ष में स्थापित कर दें, चांदी निर्मित बिल्व पत्र को अलमारी या केस बाॅक्स में रख दें एवं व्यापार वृर्द्धक मणि को घर का कोई भी सदस्य धारण करें।
विशेष:- अभिषेक का जो भी निर्माल्य जल हो उसे पेड़-पौधों में प्रवाहित कर दें।
इस प्रकार अन्य कई अचूक उपाय है जिनसे आप कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते है आप निराश न हो हम समय पर आपकी समस्याओं का समाधान करते रहेंगे। क्योंकि समस्याओं का अंतिम पड़ाव यहीं पर है।
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