Sports and career || Suresh Shrimali


Sports and career


शिक्षा के बाद करियर ही जीवन का सबसे इम्पोर्टेंट पक्ष होता है। जहां अधिकांश लोग इंजीनियरिंग, मेडिकल, मार्केटिंग बिजनेस आदि में करियर बनाने की इच्छुक होते है। वहीं कुछ लोगों की बचपन से ही खेलों में रूचि होती है और अपने खेलने की प्रतिभा को ही अपना करियर बना लेते हैं। कुछ समय पहले तक तो पेरेंट्स अपने बच्चों का स्पोर्ट्स  में करियर बनाना अच्छा नहीं समझते थे। परन्तु के आज के समय में स्पोर्ट्स  को लेकर सभी का दृष्टिकोण बदल गया है। वर्तमान में स्पोर्ट्स  में करियर बनाना एक सुनहरा अवसर माना जाने लगा है और पेरेंट्स भी अपने बच्चों को पूरा स्पोर्ट करते है, इसका कारण खेलों का व्यवसायिकरण है, क्योंकि आज के खेलों मे अच्छा प्रदर्षन करना नेम एण्ड फेम के साथ-साथ पैसा कमाने का एक अच्छा साधन हो गया है।

ज्योतिषी दृष्टिकोण से स्पोर्ट्स के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने का प्रमुख ग्रह मंगल को माना गया है, क्योकि स्पोर्ट्स  में सक्सेस होने के लिए व्यक्ति की फिजिकल फिटनेस बहुत अच्छी होनी चाहिए, उसके अलावा व्यक्ति में पराक्रम और काॅम्पिटिषन का सामना करने के गुण विद्वमान होने चाहिए। इन सभी गुणों का कारक ग्रह मंगल होता है इसलिए हमारी कुण्डली में मंगल का अच्छी स्थिति में होना आवष्यक है। इसके साथ ही कुण्डली का तीसरा भाव भी फिजिकल वर्क, पराक्रम एवं निडरता का कारक होने से प्लेयर्स की कुण्डली में तीसरा भाव का बहुत महत्व होता है। स्पोर्ट्स  में काॅम्पिटिषन का सामना करके ही प्लेयर्स आगे बढ़ते है, इसलिए कुण्डली का छठा भाव काॅम्पिटिषन का कारक भी अपनी विषेष भूमिका निभाता है। 

स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्ति के कुछ विषेष योग:-

1. यदि मंगल बली होकर कुण्डली के दषम भाव में बैठा हो या दषम भाव पर मंगल की दृष्टि हो तो स्पोर्ट्स  में सफलता मिलती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कर्क लग्न की कुण्डली है तो मंगल 10th हाउस में मेष राशि में स्थित हो या मंगल 4th हाउस में तुला राशि में स्थित होकर 10 हाउस पर दृष्टि हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

2. यदि मंगल स्वगृही या उच्च के होकर केन्द्र 1,4,7,10 या त्रिकोण 1,5,9 में शुभ भाव में बैठा हो तो स्पोर्ट्स  में अच्छी सफलता प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी वृषभ लग्न की कुण्डली है तो मंगल 9th हाउस में मकर राशि में उच्च के होकर विराजमान है जो कि त्रिकोण भाव होता है। तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

3. यदि मंगल, शनि से 5th हाउस या 9th हाउस में बली होकर बैठे हो तो भी स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कन्या लग्न की कुण्डली है तो लग्न में शनि स्थित हो और 5th हाउस में मंगल मकर राशि में उच्च के होकर विराजमान होता है। तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

4. 3rd हाउस के लाॅर्ड 3rd हाउस में ही स्वगृही होकर बैठे या 3rd हाउस पर पूर्ण दृष्टि हो तो भी स्पोर्ट्स  क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कुंभ लग्न की कुण्डली है तो 3rd हाउस के लाॅर्ड मंगल 3rd हाउस में ही स्वग्रही होकर स्थित हो या 3rd हाउस के लाॅर्ड मंगल 9th हाउस में स्थित होकर 3rd हाउस पर पूर्ण दृष्टि हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

5. 6th हाउस के लाॅर्ड 6th में हाउस में बैठना या 6th हाउस को देखना भी एक अच्छा प्लेयर बनने में सहायता देता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी वृश्चिक लग्न की कुण्डली है तो 6th हाउस के लाॅर्ड मंगल 6th हाउस में ही स्वग्रही होकर स्थित हो या 6th हाउस के लाॅर्ड मंगल 3rd हाउस में स्थित होकर 6th हाउस पर पूर्ण दृष्टि हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

6. यदि 3rd हाउस के लाॅर्ड 10th हाउस में स्थित हो और मंगल भी कुण्डली में अच्छी स्थिति में हो तो स्पोर्ट्स  में सफलता मिलती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कन्या लग्न की कुण्डली है तो 3rd हाउस के लाॅर्ड मंगल 10th हाउस में ही मिथुन राशि स्थित हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है। 

7. कुण्डली में पंचमहापुरूष योगों के अंर्तगत रूचक नामक राजयोग बनना भी स्पोर्ट्स  में सफलता दिलवाता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी तुला लग्न की कुण्डली है तो मंगल 4th हाउस में मकर राशि में उच्च के होकर विराजमान हो तो पंचमहापुरूष योग के अन्तर्गत रूचक नामक राजयोग घटित होगा जिससे व्यक्तिको स्पोर्ट्स में सफलता प्राप्त होती है।

स्पोर्ट्स क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कुछ सरल उपाय:-

1. हनुमान जी की आराधना करें, प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का पाठ करें। 
2. प्रतिदिन सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। 
3. आदित्य हृदय का पाठ करें।  

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