रक्षाबंधन 2018 (Rakshabandhan) || Suresh Shrimali
रक्षाबंधन 2018
जीवन में हम जन्म लेते ही कई रिश्तों में एक-साथ बंध जाते है। वैसे तो सभी रिश्ते अपनी-अपनी अहमियत रखते हैं, लेकिन माता-पिता के बाद अगर कोई सबसे गहरा होता है, जिसमें विश्वास, स्नेह भरी तीखी नोख-झोख, रूठना-मनाना होता है तो वह रिश्ता है भाई-बहन का रिश्ता। यह रिश्ता हर रिश्ते से मीठा और प्यारा रिश्ता होता है क्योंकि इस रिश्ते में मिठास भरता है भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति प्रेम व विश्वास। यह विश्वास प्रतीक रूप में भले ही रेशम की कच्ची डोर से बँधा होता है परन्तु दोनों के मन की भावना, प्रेम की ,एक पक्की डोर से बंधी रहती है, जो रिश्तों की हर डोर से मजबूत डोर होती है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्यार की निशानी है, भाई अपनी बहन को हर मुश्किल से रक्षा करने का वचन देता है, बहने अपने भाई की लम्बी आयु की कामना करती है। भाई-बहन के विश्वास को बनाए रखने वाला यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
आगामी 26 अगस्त श्रावण सुदी पूर्णिमा, रविवार के दिन रक्षाबंधन का पर्व आ रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी आरती उतारते हुए दीर्घ जीवन की कामना करती है। भाई भी अपनी बहन को यह वचन देता है कि वो हर पल, हर घड़ी, हर समय जीवन के हर मोड़ पर उसकी सहायता के लिए तत्पर रहेंगे।
सबसे पहले मैं आपको रक्षाबंधन का मुहूर्त बता देता हूं जानिए क्या है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त:-
रक्षाबंधन के दिन सबसे अच्छी बात यह है कि इस दिन भद्रा काल नहीं रहेगा, इसलिए आप प्रातःकाल 07 बजकर 54 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक चंचल के चैघड़िये और 09 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक लाभ-अमृत के चैघड़िये में रक्षासूत्र बांधना शुभ रहेगा।
दोपहर में 12 बजकर 14 से 13 बजकर 05 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा एवं 14 बजकर 15 मिनट से 15 बजकर 50 मिनट तक रक्षासूत्र बांधना श्रेष्ठ रहेगा।
क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन:-
रक्षाबंधन का त्यौहार का इतिहास नया नहीं है। यह बहुत ही पुरातन काल से चला आ रहा है। जब चितौड़ की विधवा रानी कर्मावती को जब अपने राज्य पर संकट के बादल मंडराते दिखे तो उन्होंने गुजरात के बहादुर शाह के खिलाफ मुगल सम्राट हुमायूँ को राखी भेज मदद की गुहार लगाई और उस धागे का मान रखते हुए हुमायूँं ने तुरन्त अपनी सेना चितौड़ रवाना कर दी। इस धागे की मूल भावना को मुगल सम्राट ने न केवल समझा बल्कि उसका मान भी रखा।
इसी प्रकार एक बार कृष्ण के हाथ में चोट लगने से रक्त की धारा बह निकली। यह सब द्रौपदी से देखा नहीं गया और उसने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ में बांध दिया। बाद में जब दुशासन ने द्रौपदी का चीरहरण किया तो कृष्ण ने द्रोपदी के द्वारा हाथ में बांधे हुए साड़ी के पल्लू़ रूपी रक्षा सूत्र की लाज रखने हेतु द्रोपदी का चीर बढ़ाकर द्रौपदी की साड़ी को अक्षय तथा असीमित कर उसके मर्यादा की रक्षा की। इसलिए रक्षा-बंधन पर्व चिरकाल में मनाया जाता आ रहा है।
रक्षाबंधन पर बहनें करें ये काम, बढ़ेगी भाइयों की उम्र और होगा उनका नाम:-
रक्षाबंधन के दिन मै सभी बहनों को कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहा हूँ जिसको करके वो अपने प्यारे भाइयों को लम्बी उम्र और उज्जवल भविष्य की मनोकामनाएं करके उन्हें वो खुशी प्रदान कर सकती है. आइए जानते हैं राशि के अनुसार रक्षाबंधन पर कीजिए कुछ विशेष उपाय जो आप पूरे दिन में कभी भी कर सकते है।
मेष, वृषभ, मिथुन और कर्क राषि वाली सभी बहनें श्री गणेष के मंदिर जाकर उन्हें गुलाब के पुष्पों की माला और उनके पसंदीदा मोदक का भोग अर्पण करके हाथ जोड़कर मन ही मन अपने भाई की खुषहाल जिदंगी के साथ लम्बी आयु की कामना करें।
सिंह, कन्या, तुला और वृष्चिक राषि वाली सभी बहनें श्रीकृष्ण मंदिर जाकर पीले पुष्पों की माला के संग मक्खन-मिश्री भोग लगा के हाथ-जोड़कर अपने भाईयों की लम्बी आयु की कामना के साथ-साथ, यदि भाई विवाहित है तो उसके सुखमय दाम्पत्य जीवन और यदि भाई अविवाहित है तो शीघ्र विवाह के साथ ही परिवार के बाकी सदस्यों के संग रिष्तों में मजबूती की कामना करें।
धनु, मकर, कुंभ और मीन राषि वाली सभी बहनें दुर्गा मां को सोलह शृंगार की सामग्री के संग हलवा और काले चने का भोग लगाने के बाद हाथ जोड़कर अपने भाई के अच्छे स्वास्थ्य, करियर और सुरक्षा की कामना करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो बढ़ेगी भाईयों की उम्र और होगा उनका नाम।
ज्योतिषीय विधान और शास्त्रों के नियमों से बांधें अपने भाई को राखी,
जिससे मजबूत होंगे भाई और बहन के रिश्ते-
हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व महाभारत काल के पूर्व से मनाया जाता आ रहा है। पुरातन काल में रक्षासूत्र अपने गुरु, माता-पिता, भाइयों, पंडितों घनिष्ट मित्रों एवं बहनों में बाँधा जाता था. आजकल रक्षाबंधन अधिकतर भाई-बहन के मध्य ही सिमटकर रह गया। भाई-बहन को ,रक्षासूत्र में बांधने के लिए रक्षाबंधन पर्व ने अहम भूमिका निभाई है।
तो आइए जानते है कैसे बांधे अपने भाई को राखी, जिससे होगी मधुर रिश्ते की वृद्धि-
सबसे पहले रक्षाबंधन के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
2. उस स्वास्तिक चिन्ह पर तांबे/चांदी का पवित्र जल से भरा हुआ एक कलश रखें।
3. उस कलश में आम के पत्ते फैलाते हुए उस पर एक नारियल रखें।
4. कलश के दोनों ओर कुशा अथवा सूत से बना एक-एक आसन बिछा दें। एक आसन भाई के बैठने के लिए और दूसरा स्वयं के बैठने के लिए
5. अब भाई-बहन दोनों उस कलश को बीच में रख आमने-सामने बैठ जाएं।
6. इसके पश्चात दोनों ही उस कलश की पूजा करें।
7. फिर भाई के दाहिने हाथ में नारियल तथा सिर पर रुमाल रखंे और इस बात का भी विषेष ध्यान रखें कि आपके सिर पर भी लाल या पीला दुप्पटा हो।
8. इसके बाद आप भाई को अक्षत् सहित तिलक करें। फिर बहिन अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधे और आप भाई को मिठाई खिलाएं, उनकी आरती उतारें और उसकी तरक्की एवं खुशहाली की कामना करें। राखी बांधते वक्त सभी बहनें अपने भाई की आयु में वृद्धि के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें।
‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
9. अगर भाई आपसे उम्र में बड़ा हो तो भाई के चरण स्पर्श करें और अगर बहन उम्र में बड़ी हो तो भाई राखी बांधने के पश्चात बहन के चरण छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
हर त्यौहार में कुछ विशेष उपायों को करके आप अपने आप और अपनों को सुरक्षित कर सकते है. इस रक्षाबंधन के विशेष पर्व पर मैं आपको पांच छोटे-छोटे उपाय बताने जा रहा हूं, जिन्हें करने से सभी बहनें अपने भाईयों को रोग, ऋण व शत्रु से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ उनके नौकरी-व्यापार में उन्नति, साथ ही यदि वह विद्यार्थी हैं तो उच्च शिक्षा प्राप्ति में सहायता प्रदान कर सकती है।
2. ऋण:- यदि आपके भाई ऋण के बोझ से परेषान हैं तो आप रक्षाबंधन के दिन जब अपने भाई को राखी बांधने के बाद एक हरा रंग का रूमाल या वस्त्र लेकर उसमें तीन मुठ्ठी हरे साबुत मूंग, एक ईलायची, एक लौंग, पांच गोमती चक्र और थोड़ी दूर्वा डालकर उसमें तीन गांठ बांध दें और फिर उसे अपने भाई के ऊपर से सात बार उसार दें और उसारने के पश्चात् अपने घर के ईषान कोण में रखकर उसके समक्ष ऋणहर्ता गणेष स्त्रोत का पाठ करें और निवेदन करें कि मेरे भाई को सभी तरह के ऋण से मुक्त करके सुख-समृद्धि व शांति प्रदान करें। ऐसी प्रार्थना करने के पश्चात् उस पोटली को पीपल के पेड़ में डाल दें।
3. शत्रु:- यदि आपका भाई शत्रुओं से परेषान है, ऐसे में आप उन्हें राखी बांधने के पश्चात् उनके ऊपर से एक मुठ्ठी साबुत नमक सात बार उसार कर उस नमक को अपने घर के सिंक में डालकर नमक पर पानी गिरा दें और फिर जब भी आपको समय मिले उसी दिन 11 बार रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें और अपने भाई की रक्षा की प्रार्थना करें।
4. व्यापार:- नौकरी या व्यापार में आपके भाई को परेषानियों का सामना करना पड़ रहा हैं तो आप रक्षाबंधन के दिन रक्षासूत्र बांधने के साथ ही एक नारियल लेकर उसमें यथा शक्ति 11, 21, 51 रूपये मौली से बांध दें और नारियल पर कुंकुम से तिलक करके भाई के ऊपर से 21 बार उसार कर लक्ष्मी मंदिर में चढ़ा दें और नौकरी या व्यापार में आ रही परेषानियों से मुक्त होने की प्रार्थना करें।
5. शिक्षा:- यदि आपका भाई पढ़ाई कर रहा हो और विद्या प्राप्ति में उसे अकारण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो तो ऐसे में आप उसे रक्षासूत्र बांधने के पश्चात् उपहार स्वरूप उसको सरस्वती चालीसा की पुस्तक भेट करें और उसके ऊपर से सवा पाव कलाकन्द उसार कर गाय को खिला दें।
अंत में मैं आपको यही कहना चाहूंगा कि-
रिश्ते वो नहीं जिसमें रोज बात हो
रिश्ते वो भी नहीं जिसमें रोज साथ हो
भाई-बहिन के रिष्ते तो वो है
जिसमें कितनी भी दूरियां चाहे क्यूं ना हो
लेकिन दिल में हमेषा उनकी याद हो।
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