भगवान मुझे ही क्यो देता है दुख? ज्योतिष विज्ञान में छिपा है इसका जवाब। | SURESH SHRIMALI | GRAHON KA KHEL
भगवान मुझे ही क्यो देता है दुख? ज्योतिष विज्ञान में छिपा है इसका जवाब।
जीवन में परेशानी और तनाव किसके नहीं होता। दरअसल देखा जाए तो हमारा जीवन चक्र इन्ही बींससमदहमे के इर्द गिर्द घूमता रहता है। अब ये एक ऐसी नैया है जिसमे सबको डूबना ही है लेकिन डूबने के साथ साथ पार लगना भी बहुत जरूरी है।
जब हमारे जीवन में तनाव अचानक से बहुत बढ़ने लगता है तो हम हमेशा यही कहते है की हे भगवान्, मै ही क्यूँ? साथ में आपने ये भी सुना होगा की यदि जीवन में परेशानी बहुत आये तो ये मत कहिये हवक ूील उम? बल्कि ये कहिये जतल उम.. सुनने में अच्छा लगता है और आसान भी, हैना? पर मै समझ सकता हूँ की जिस वक्त इंसान पर बीत रही होती है उस समय उसका क्या हाल होता है।
दरअसल तनाव मन की एक अवस्था है। यह आहार, विचार, व्यवहार और संस्कार पर निर्भर करती है। ज्योतिष में तनाव का सीधा संबंध चन्द्रमा से होता है। चन्द्रमा की स्थितियों से अलग-अलग तरह के तनाव होते हैं। कभी तनाव वास्तविक होता है, तो कभी काल्पनिक तनाव कई तरह से आपके जीवन पर असर डालता है।
कई बार जाने अनजाने हम ऐसी चीजे भी कर लेते है जिससे की हम पर ग्रहो का उल्टा प्रभाव पड़ने लगता है या फिर जब ग्रहो की चाल बदलने का वक्त होता है तब भी आप पर इसका सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। और जीवन में अचानक से तनाव बढ़ने लगता है।
हमारा पूरा जीवन कुछ मुख्य बिन्दुओ पर ही चलता है जिसमे एक है चतवमिेेपवदंस सपमि और एक है चमतेवदंस सपमि और आज में आपको कुछ ऐसे उपाय बताऊंगा जिसे करने से ग्रहो का नकारात्मक प्रभाव आप पर कम होता जायेगा और आप तनाव से भी मुक्त होंगे।
सबसे पहले जानते है सेहत को लेकर तनाव क्यों होता है
जब चन्द्रमा आठवें भाव में हो तो सेहत संबंधी तनाव होता है, चंद्रमा अकेला हो तो भी सेहत संबंधी तनाव रहता है, हाथ में चन्द्र पर्वत पर दाग धब्बे होने से जीवन में तनाव रहता है। चन्द्र पर्वत पर दाग हो तो छोटी बीमारी भयानक लगने लगती है, या यूं कहें कि बीमारियों के वहम होने लगता हैं।
सेहत को लेकर अगर आप तनाव में हैं तो ये उपाय करें
- सोमवार के दिन खीर बनाकर, भगवान शिव को भोग लगाएं। खाने के बाद आखिर में यही खीर खाएं।
- रात में सोने के पहले 9 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करें।
- चांदी की चेन में एक मून स्टोन चांदी में मढ़वाकर पहनें।
अब जानते है नौकरी या कारोबार में तनाव क्यों होता है
अगर कुंडली में चन्द्रमा अग्नि राशि में हो तो नौकरी व कारोबार में तनाव होता है। सूर्य का चन्द्रमा से संबंध हो तो नौकरी या कारोबार में तनाव रहता है। हाथ में चन्द्र पर्वत पर टूटी रेखाएं हों, तब भी इस तरह का तनाव होता है। चन्द्र पर्वत पर टूटी रेखाएं हों तो आदमी नौकरी या कारोबार बदलता रहता है। अपने करियर को लेकर तनाव में रहता है।
ऐसे दूर करें
- इस प्रकार के तनाव के लिए हर शनिवार को भगवान शिव को दूध मिलाकर जल चढ़ाएं।
- इसके बाद ऊं चन्द्रशेखराय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
अब जानते है वैवाहिक जीवन में तनाव क्यों होता है
कुंडली में चंद्रमा के साथ बृहस्पति कमजोर होता है। ऐसे में महिलाएं वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव में रहती हैं। चन्द्रमा के साथ शुक्र कमजोर हो तो पुरुष इस तनाव से घिरे रहते हैं। हस्तरेखा में शुक्र, चन्द्र के पर्वत पर जाली हो तो भी वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव होता है। इस स्थिति में शक और वहम होता है, साथ ही जीवनसाथी बहुत ज्यादा उम्मीद करता है।
इसे दूर करने के लिए
- सोमवार को भगवान शिव को इत्र चढ़ाएं. इसके बाद शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाएं.
- श्ऊं नमो भगवते सोमनाथायश् का जाप कम से कम 108 बार करें.
- शुक्रवार को खट्टी चीजें न खाएं.
अब संतान से तनाव का कारण जानते है
चन्द्रमा राहु या शनि से पीड़ित हो तो संतान संबंधी तनाव रहता है। हाथ में चन्द्र पर्वत पर या मणिबंध रेखा पर तारा हो तो संतान संबंधी तनाव होता है। ऐसी दशा में संतान की जिंदगी और स्थायित्व को लेकर परेशानी होती है। चंद्रमा का संबंध लग्न या बारहवें भाव से हो, तो संतान के विवाह संबंधी तनाव होता है।
इसे दूर करने के लिए
-सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। इसके बाद जल चढ़ाकर शिव चालीसा का पाठ करें, फिर संतान संबंधी समस्या खत्म करने की प्रार्थना करें।
प्यारे दर्शको यूँ तो देखा जाए तो आज कल हमने तनाव को एक तरह का सपमिेजलसम हि बना दिया है। जितना जरूरी काम करना है उतना जरूरी अपने शरीर और मष्तिष्क का ख्याल रखना भी है। इसलिए कम से कम रोज आधा घंटा स्वयं को जरूर दे और मेडिटेशन की आदत जरूर डाले।
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