चन्द्र ग्रहण || Suresh Shrimali




चन्द्र ग्रहण 
(31 जनवरी 2018)




चंद्रग्रहण एक एस्ट्रोनोमिकल सिच्युएशन है, यह सिच्युएशन तब बनती है, जब चंद्रमा अर्थ प्लेनेट के एग्जेक्टली पीछे आ जाता है। ऐसा तभी पाॅसीबल है, जब सन, अर्थप्लेनेट और मून इसी सीरीज में एक स्ट्रेट लाइन में विद्यमान हो और ये केवल पूर्णिमा के दिन ही पाॅसीबल होता है। चूंकि चन्द्र ग्रहण की अवधि सूर्य ग्रहण के मुकाबले अधिक होती है इसलिए पृथ्वी में किसी भी भाग से इसे इजीली नेकेट आईज से बिना किसी प्रिकाॅशन के देखा जा सकता है। क्योंकि इसका शीतल प्रकाश पूर्ण चन्द्र से भी कम होता है। चन्द्रमा को मन-मस्तिष्क और माता का कारक ग्रह माना जाता है। चन्द्रमा मन के कारक है इसलिए यह हमारे मन को मजबूत करते है। मन के मजबूत होने से किसी भी निर्णय को लेने में आसानी हो जाती है। पोजीटिव थोट्स चन्द्रमा की अच्छी स्थिति होने के कारण मस्तिष्क में बनते है। जिससे व्यक्ति जो भी कुछ करने का सोचता है वो सक्सेसफुली अकम्पलीस कर पाता है। माता के कारक होने के कारण यदि कुण्डली में चन्द्र की स्थिति अच्छी है तो उस व्यक्ति को अपनी मां का स्पेशल लव, अफेक्शन और काॅर्डियल रिलेशन प्राप्त होता है। इसके विपरीत अगर कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति खराब है या वो नीच के है तो ऐसा व्यक्ति हमेशा मैंटल टेंशन, डिप्रेशन, ट्रोमा एवं परेशान स्थिति में ही होगा।

नववर्ष के पहले चन्द्र ग्रहण का सूतक 31 जनवरी 2018 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट में लगेगा। उसके बाद शाम 5 बजकर 21 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और रात 08 बजकर 54 मिनट पर यह चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा। यह इस साल का पहला चंद्र ग्रहण और वो भी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। जो भारत समेत विश्व के कई देशों में देखा जाएगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह चंद्रग्रहण आश्लेषा नक्षत्र तथा कर्क राशि में लग रहा है। आश्लेषा बुध का नक्षत्र है इसलिए इस नक्षत्र से संबंधित राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। चूंकि प्रत्येक राशि पर ग्रहण का प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है, इसलिए कुछ राशि वालों के लिए यह ग्रहण कष्टकारी हो सकता है, तो कुछ राशि के लोगों के लिए कल्याणकारी भी हो सकता है। 

सावधान, आ रहा है ग्रहण, करिए मंत्र जाप, तो उसके दुष्प्रभावों से बचे रहेंगे आप

ग्रहण काल मंत्र साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहुर्त है। इस समय पृथ्वी के वायुमंडल में अमृत तत्वों के तरंगे आती है जिससे यह समय अद्भुत दिव्य व शक्तिशाली बन जाता है। धर्म व आध्यात्म में रूचि रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इस अद्भुत समय का लाभ उठाकर मंत्र साधना द्वारा अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करना चाहिए। मैं आपको इस समयावधि में किए जाने वाले कुछ विशेष मंत्र बताने जा रहा हूं जिसे पूर्ण श्रद्धा व विधिनुसार करने से इच्छित फलों की प्राप्ति कर सकते है। इन मंत्रों का उल्लेख गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा रचित रामायण में भी किया गया है। इसके लिए आप अपने घर के पवित्र स्थान पर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके स्वच्छ आसन पर बैठें और जो मैं मंत्र बताने जा रहा हूं उनकी 11, 21, 51 माला का श्रद्धानुसार जाप करें। सबसे पहले हम बात करते है-

रोग मुक्ति के लिए- किसी भी प्रकार के रोग से अगर आप ग्रसित हैं, उनके कष्टों एवं पूर्ण रूप से रोगमुक्ति के लिए आप इस मंत्र का अवश्य जाप करें।

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

रामराज नहीं काहुहि व्यापा।।

दारिद्रय नाश के लिए- किसी भी कारणवश यदि आप आर्थिक तंगी अथवा लक्ष्मी जी की कृपा से स्वयं को वंचित पा रहे हैं तो इस मंत्र का जाप आपको अवश्य फायदा देगा।

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के।

कामद धन दारिद्र दबारि के।।

दुखनाश के लिए- दुनिया में कोई भी ऐसा एक शख्स नहीं है जिसे दुखों ने नहीं है घेरा। इस कलयुग में तो लोग अपने दुख से कम दुखी है लेकिन दूसरों के सुख से ज्यादा दुखी है। किसी भी प्रकार के दुख में इस मंत्र का जाप देगा आपको अवश्य लाभ।

जब ते समु व्याहि घर आए।

नित नव मंगल मोद बधाए।।

विपत्तिनाश के लिए- शत्रुओं ने है यदि आपको घेरा या हो रहा है किसी संकट से आपका सामना, तो करें इस मंत्र का जाप, पूरी होगी आपकी कामना
राजीवनयन धरे धनुसायक।

भगत विपत्तिभंजन सुखदायक।।

क्लेश नाश के लिए- है सास-बहु में कलह या नहीं हो पा रही पति-पत्नी में सुलह, तो यह मंत्र जाप मिटाएगा सभी रिश्तों की अशांति और मिलेगी आपको शांति। 
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू।

महामोह निसि दलन दिनेसू

ऋद्धि-सिद्धि के लिए- सुख-समृद्धि-शांति और ऐश्वर्य की है अगर चाह, तो करें इस मंत्र का जाप, आसान होगी आपकी राह।

साधक नाम जपही लय जाएं।

हो हि सिद्ध अनिमादिक पाएं।।

मनोरथ सिद्धि के लिए- मन में है कोई भी मनोकामना भजे ये मंत्र, पूरी होगी कामना। 
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहि जे नर अरू नारि।

तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिपुरारि।।

मुकदमा जीतने के लिए- कोर्ट-कचहरी से है अगर परेशान, यह मंत्र करेगा आपके जीवन की राह आसान। 
पवन तनय बल पावन समाना।

बुद्धि विवेक विग्यान निधाना।।

विद्या प्राप्ति के लिए- शिक्षा में आ रही है कोई बाधा देख इस मंत्र जाप ने इस समस्या को कैसे है साधा। 

गुरु गृहे गए पठन रघुराई।

अलप काल विद्या सब आई।।

मानसिक शांति के लिए- मन में चल रहा है किसी भी प्रकार का टेंशन-डिप्रेशन का द्वंद, तो करें इस मंत्र का जाप, सभी चिंताओं का होगा अंत। 

राचरन दृढ़ प्रीति करि बाल कीन्हें तनु त्याग।

सुमन माला जिभि कुंठ ते गिरन न जावई बाग।।

यह तो थे कुछ विशेष मंत्र, जिन्हें आप ग्रहण काल के समय सम्पन्न करके अपने कष्टों का दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इस बात का आप विशेष ध्यान रखें कि ग्रहण काल के समय मूर्ति पूजा एवं स्पर्श निषेध माना गया है, इसके लिए किसी भी स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाकर उसमें बैठकर मानसिक रूप से ध्यान केन्द्रित कर ग्रहण के समय ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करें। जिससे मानसिक शांति के साथ-साथ शुभ फलों की प्राप्ति होगी। ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए ग्रहण काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं। पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे ये दूषित नहीं होते और ऐसा करने से ग्रहण काल में किसी भी नकारात्मक ऊर्जा का इस पर प्रभाव नहीं पड़ता है और ग्रहण काल के पश्चात् जब इन वस्तुओं का हम सेवन करेंगे तो उससे हमें कोई नेगेटिव इफेक्ट नहीं होगा। 

चंद्र ग्रहण के बाद पूजा पाठ का विशेष महत्त्व

चंद्र ग्रहण काल के पूर्ण होने पर स्नानादि के बाद किसी धार्मिक स्थल पर जाना बहुत ही शुभ माना जाता है ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण खत्म होने पर स्नान के बाद नए वस्त्र पहनने चाहिए। और ग्रहण के वक्त पहने हुए कपड़ों का दान कर देना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। साथ ही अपने पितृों के लिए दानादि करना उत्तम माना गया है। ऐसा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता और साथ ही इस समय भगवान् शिव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। 

ग्रहण काल खत्म होने के बाद घर में देवी देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण काल में घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए ग्रहण खत्म होने बाद घर की साफ सफाई जरूर करें। और साफ सफाई खत्म होने के बाद घर में धूप अगरबत्ती भी प्रज्जवलित करें। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। 

चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव-

मेष:- जाॅब और बिजनस में सफलता प्राप्ति के योग बन रहे है। वर्किंग प्लेस में मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी की पूरी पूरी संभावना। करियर रिलेटेड सभी फील्ड में लाभ की प्राप्ति होगी।

वृषभ:- जाॅब और बिजनस में उन्नति होगी। अचानक धन लाभ होने का चांस। फेंड्स और रिलेटिव्स के साथ अच्छा समय पास होगा।

मिथुन:- फाईनेंसियल लाॅस होने के पूरे-पूरे चांस। आॅफिसियल्स टूर्स बढ़ने की वजह से बाहर का खानपान होगा, सेहत का विशेष ध्यान रखें, किसी टाॅपिक को लेकर मैंटल टेंशन-डिप्रेशन भी हो सकता है।

कर्क:- एक्सीडेंट के योग बन रहे है। व्हीकल केयरफुली चलाएं। गुप्त रोग एवं शारीरिक कष्ट से ग्रहसि हो सकते है। टेंशन  फ्री रहने के लिए स्वयं को वर्कप्लेस में बिजी रखें।

सिंह:- फाईनेंसियल लाॅस होने के चांसेस बन रहे है। फैमिली में कुछ प्रोब्लम हो सकती है। जिसकी वजह से फैमिली मैम्बर्स में अनप्लीजेंट सिच्युएशन बनेगी। अननेसेसरी मैटर्स मैंटल टेंशन इनक्रीज कर सकते है। ऐसी बातों को अवोइड करें। 

कन्या:- भाई-बहनों के मध्य संबंध और मधुर बनेंगे। सब्सटेंसियल प्लेजर्स सडन फाइनेंशियल  गेन्स की वजह से बढ़ेंगे। यात्राएं संभावित। करेज एण्ड हिरोइज्म में बढ़ोतरी होगी। 

तुला:- टाइम स्ट्रगल फुल रहेगा। अननोन फीयर बना रहेगा। फिजिकल डिसआॅडर्स से प्राॅब्लर्स इनक्रीज होंगी। फैमिली लाइफ में भी चेलेंजेज फेस करने पड़ेंगे। 

वृश्चिक:- एज्युकेशन में दिक्कते आ सकती है। अननेसेसरी किसी मैटर पर ज्यादा सोचने से टेन्स्ड फील करेंगे। लव रिलेटेड मैटर्स में प्राॅब्लम्स फेस करनी पड़ सकती है। अनवांटेड डिस्प्यूट को अवोइड करें। 

धनु:- फाईनेंसियली लाइफ नाॅर्मल रहेगी। माॅनीटरी गेन्स के साथ-साथ एक्सपेंडिचर भी इनक्रीज होंगे। राईवल्स से चेलेंजेज फेस करने पड़ सकते है। लीगल मैटर्स प्राॅब्लम्स इनक्रीज करेंगे। 

मकर:- बिजनस पार्टनर के साथ क्लेश और डिस्प्यूट के पूरे चांसेज बन रहे है। मैरिटल लाइफ में चेलेंजेज फेस करने पड़ सकते है। लाइफ पार्टनर के संग डिफरेंस आॅफ ओपिनियन की सिच्युएशन बनेगी। 

कुंभ:- फाइनेंसियल लाॅस के चांसेज बन रहे है। अननेसेसरी ट्रेवलिंग होगी। जिससे कोई भी प्रोफिट नहीं मिल पाएगा। शारीरिक कष्ट और सेक्सुअल रिलेटेड प्राॅब्लम्स से परेशानी हो सकती है।

मीन:- वर्क अकम्पलिसमेंट में डिले होगा। किसी भी फील्ड में सक्सिड होेने के लिए एक्सट्रा अफर्ट्स डालने पड़ेंगे। इनकम के कम्पेरिजन में एक्सपेंडिचर् बढ़ेंगे।
 







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