बसंत पंचमी न केवल बसंत ऋतु के आगमन का त्योहार है बल्कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म दिवस भी है। SURESH SHRIMALI | GRAHON KA KHEL

 बसंत पंचमी पर कर ले पांच काम, सुख समृद्धि के साथ मिलेगी मानसिक शांति

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता।

या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना।।

या ब्रह्माच्युत्त शंकरः प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।

सा माम पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्या पहा।।


मां शारदा के चरणों में मेरा शत शत नमन।

पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा गया है, उसमें वसंत ऋतु सभी लोगों का फेवरेट मौसम है। जब फूलों पर बहार, खेतों में सरसों के फूल मानो सोना उगल रहे हो, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगे, और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं है। तो वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता है, जिसमें देवी मां सरस्वती की पूजा होती हैं। यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता है। 

बसंत पंचमी न केवल बसंत ऋतु के आगमन का त्योहार है बल्कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म दिवस भी है। इस साल बंसत पंचमी 5 फरवरी शनिवार को मनाई जाएगी। मां सरस्वती की कृपा से व्यक्ति को ज्ञान और स्वर की प्राप्ति होती है।

जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं, वे इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं। कलाकारों का तो कहना ही क्या? जो महत्व सैनिकों के लिए अपने शस्त्रों और विजयादशमी का है, जो विद्वानों के लिए अपनी पुस्तकों और व्यास पूर्णिमा का है, जो व्यापारियों के लिए अपने तराजू, बाट, बहीखातों और दीपावली का है, वही महत्व कलाकारों के लिए वसंत पंचमी का है। साथ ही ये दिन एक अबूझ महुरत भी है। इस दिन विवाह करना बहुत ही शुभ होता है। किसानों के लिए भी ये दिन बहुत खास होता है। 

बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा गृह प्रवेश के लिए अच्छी मानी जाती है। यदि आप एक नए घर में प्रवेश करना चाहते हैं तो ये दिन उसके लिए भी शुभ है। इस दिन आप नया व्यवसाय या अन्य महत्वपूर्ण कार्य शुरू कर सकते हैं।

अब जानते है क्या करे इस दिन जिससे मां सरस्वती का आपको आशीर्वाद प्राप्त हो।

1. माँ सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प  अर्पित करेंद्य

2. इस दिन आप खुद भी पीले वस्त्र पहने। घर के बड़ो का आशीर्वाद ले और पीला भोजन ही ग्रहण करे।

3. सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर माँ सरस्वती के मंत्र श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा का 1 माला जाप करे। 

4. पीले रंग के चावल बनाकर गरीबों में वितरित करेद्य फल और जरूरत की चीज भी दे सकते है।

5. किसी स्कूल, कोचिंग सेंटर में आप पाठ्य सामग्री की चीजे बच्चो को भेट में दे।

वैसे हर नए साल की तरह भारत में उत्सवों की शुरुआत होती है। लेकिन पिछले दो तीन वर्षों में मनाए गए उत्सवों के साथ कोविड-19 की छाया में आने के साथ यह उम्मीद है कि 2022 सुरक्षित होगा, लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है। 

बसंत पंचमी पूजा विधि

इस दिन शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी पूजा की जाती है। जिससे सद्बुद्धि, ज्ञान, संस्कार और मनोबल का आशीर्वाद बना रहे।

इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में एक बाजोट पर पीले पुष्प जा आसान बनाए, उस पर मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की प्रतिमाएं स्थापित करें। अब तिलक कर धूप-दीप जलाकर मां को पीले और लाल फूल अर्पित करे। फल का भोग लगाए। फिर सरस्वती स्त्रोत का पाठ करे। पूरे घर में गूगल की घुप करे। ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहेगी।

इसी के साथ आप सभी अपना और अपनो का खयाल रखे। घर पर रहे। पॉजिटिव रहे। नमस्कार।



Comments