Navratra-2018 || हर प्रयोग अधूरा है बिना सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के | Suresh Shrimali
हर प्रयोग अधूरा है बिना सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के
ऐसा माना गया है कि दुर्गा सप्तशती से संबंधित किसी भी प्रयोग के किए जाने पर अंत में जब तक कुंजिका स्त्रोत का पाठ नहीं किया जाएं तब तक उसका फल प्राप्त नहीं होता है और चाहे नौ दिन तक पाठ किया हो अथवा किसी मंत्र का जाप किया हो या हवन किया हो उस सबका फल शून्यवत हो जाता है। इसलिए कुंजिका स्त्रोत में अंत में कहा है- ‘‘न तस्य जायते सिद्धि अरिण्य रोदनम् यथा‘‘ अर्थात् जिस प्रकार जंगल में जाकर जोर-जोर से रोने पर भी कोई उसे चुप कराने वाला नहीं होता है उसी प्रकार से बिना कुंजिका स्त्रोत के पाठ करने पर उसका किसी भी प्रकार का फल प्राप्त नहीं होता। चाहे व्यक्ति कवच, अरग्ला स्त्रोत, किलक, रहस्य, सुक्त, जप, ध्यान, न्यास आदि न कर सके तो भी केवल कुंजिका स्त्रोत से पूर्ण फल प्राप्त होता है।
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