DIWALI-2018 | दीपावली पर हेल्थ और वेल्थ पाने के लिए करें ये उपाय | Suresh shrimali
दीपावली पर करें ये उपाय
पाए हेल्थ और वेल्थ
एक बहुत ही पुरानी कहावत हैं कि “पहला सुख निरोगी काया”- दूजा सुख “धन और माया”। ये दोनों सुख एक दूसरे से जुडे़ हुए हैै यानि की जब हमारी भ्मंसजी अच्छी होगी तभी हम धन का उपयोग सही तरीके से कर पायेगे और जब हमारे पास अच्छा पैसा होगा, धन होगा तभी हम भ्मंसजी को ठमेज रखने में सक्षम हो पायेंगे। पर मुद्दा ये है की आखिर ये दोनों चीजें एक साथ हम कैसे पा सकते है इसलिए न हो चिंतित न हो परेशान आज मैं आपको दीपावली के इस विशेष अवसर पर कुछ छोटे-छोटे उपयोगी उपाय बता रहा हूँ जिन्हें करियें और पाएं माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद।
1. दीपावली की रात्रि को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। अगले दिन शाम को काले कपडे़ में उन्हें बांधे साथ में एक कील और एक काले कोयले का टुकड़ा उसमें साथ रख कर इस पोटली को रोगी के ऊपर से 07 बार उवार दें। फिर किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। इस प्रक्रिया को अगले 3 शनिवार फिर से दुहराएं अस्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य में शीघ्र लाभ प्राप्त होकर वो अच्छा हो जायेगा।
2. दीपावली के दिन गाय के गोबर का कण्डा यानि उपला और जली हुई लकड़ी की राख को पानी में गूंद कर एक गोला बनाएं। इसमें एक कील एक सिक्का भी डाल दें। इसके ऊपर रोली और काजल से 7 निशान लगाएं। इस गोले को एक उपले पर रख कर रोगी के शरीर पर बायें से दांये 3 बार फिराएं फिर सूर्यास्त के समय मौन रहकर चैराहे पर रख आएँ और पीछे मुड़ कर न देखें। घर में प्रवेश करने से पहले घर के बाहर ही हाथ-मुंह धो कर ही अन्दर जाएँ घर जाकर मंदिर में दीया-बत्ती करके हाथ जोड़कर रोगी के रोग से मुक्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने से निश्चित ही लाभ होगा।
3. आपके घर से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, परिवार में किसी सदस्य का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो दीपावली की रात्रि में 11 गोमती चक्र ले कर उसे धागे में पिरो कर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है। उस दिन से रोगी के कष्टों में कमी आना शुरू हो जाती है और रोग समाप्त होना शुरू हो जाता हैं।
4. दीपावली के दिन दोपहर को सवा दो किलो बाजरे का दलिया पकाएं और उसमें थोड़ा-सा गुड़ मिला कर एक मिट्टी की हांडी में रखें। सूर्यास्त के समय उस हांडी को रोगी के शरीर पर बायें से दायें 7 बार फिराएं और चैराहे पर मौन रह कर रख आएं। आते-जाते समय पीछे मुड़ कर न देखें और न ही किसी से बातें करें और घर में प्रवेश करने से पहले घर के बाहर हाथ-मुंह धोकर ही अन्दर जाएँ। घर जाकर मंदिर में दिया-बत्ती करके हाथ जोड़कर रोगी के रोग से मुक्ति की प्रार्थना करें, ऐसा करने से निश्चित ही लाभ होगा।
5. दीपावली पूजन से पूर्व ही आप 108 अषोक के पत्ते घर पर लाकर रख लें। दीपावली पूजन के समय इन पत्तों पर श्रीं हृीं महालक्ष्मयै नमः मंत्र का जाप करते हुए हर पत्ते पर कुंकुम व रोली से श्रीं लिखें। पूजन के बाद इन पत्तों की वन्दरमाला बनाकर अपने निवास के मुख्य द्वार पर लगा दें। अगले दिन प्रातः धूप, दीप, नेवेद्य, अगरबत्ती अर्पित कर वन्दरमाला उतार लें व लाल वस्त्र में बांधकर उस पर सिन्दूर व चमेली का तेल मिलाकर श्रीं लिखकर अपने तिजोरी या धन स्थान पर रखें। फिर 21 दिनों तक लगातार श्रीं मंत्र की माला के जाप के साथ 11 अगरबत्ती अर्पित करें। निष्चित धन लाभ होगा।
6. महालक्ष्मी की पूजा में एक छहमुखी रूद्राक्ष चांदी की कटोरी में रखें तथा पूजन कर माँ के चरणों में अर्पित करने के उपरांत आने वाली द्वितीया तिथि को उसे श्रद्धा से गले में धारण कर लें। चमत्कार अनुभव करेंगे, शीघ्र ही धनागमन शुरू हो जाएगा।
7. दीपावली पूजन करने से पहले एक नारियल व एक पात्र में खीर लेकर अपने पूरे घर में घूमें। ध्यान रखें जिस स्थान से एक बार आप निकल चुके हैं तो दुबारा वहां न जाएं। यानी ऊपर से चलना प्रारंभ कर नीचे की ओर आएं व मुख्य द्वार पर आकर नारियल फोड दें व खीर वहीं छोड दें, शीघ्र लाभ होगा।
8. अगर आप चाहते हैं कि माँ महालक्ष्मी का आषीर्वाद आप पर वर्ष भर बना रहे तो दीपावली की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे घी के 11 दीपक जलाएं और अपने निवास के मध्य भाग में आकर एक चक्र बनाकर उसके मध्य रोली से श्रीं लिखें व 108 बार हृीं उच्चारण कर माँ महालक्ष्मी से अपने आवास पर वास करने का निवेदन करें।
ये सारे उपाय प्रभावशाली व चमत्कारी है यदि पूर्ण श्रद्धा व विश्वास से आपने संपन्न करे तो यह दीपावली होगी आपकी श्रेष्ठ दीपावली।
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