12 नवम्बर, गुरू तारा अस्त || Suresh Shrimali
गुरू तारा अस्त
गुरू तारा सोमवार 12 नवम्बर 2018 से शुक्रवार 07 दिसम्बर 2018 तक अस्त रहेगा। इसके साथ ही गुरू 26 दिनो तक अस्त रहेंगे। तारा डूबने का अर्थ तारा के अस्त हो जाने से है। वैदिक ज्योतिष में गुरु एवं शुक्र ग्रह को तारा माना गया है। इनके अस्त हो जाने पर भारतीय ज्योतिष शास्त्र किसी भी प्राणी को शुभकार्य की अनुमति नहीं देता। ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है और ऋग्वेद के अनेक मंत्र यह संकेत देते हैं कि हर बीस महीनों की अवधि के दौरान शुक्र नौ महीने प्रभात काल में अर्थात प्रातः काल पूर्व दिशा में चमकता हुआ दृष्टिगोचर होता है। गुरू का अर्थ सींचने वाला है। जब गुरू ग्रह पृथ्वी के दूसरी ओर चला जाता है तब इसे गुरू का अस्त होना या डूबना कहते हैं।
वार्षिक कर्मो में, नित्य कर्म में, नित्य यात्रा, जीर्ण गृह सबंधी कार्य, चातुर्मासी व्रत, साधारण उत्सव, गर्भाधान से लेकर सात संस्कारो तक के संस्कार, नवीन आभूशण, वस्त्रादि धारण करने में गुरू अस्त का दोष नहीं लगता है।
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