शुक्र अच्छा है तो करें ये व्यापार || Suresh Shrimali
शुक्र अच्छा है तो करें ये व्यापार
यदि आपकी कुण्डली में शुक्र उच्च के है और साथ ही आपके मन में बिजनस करने की इच्छा है तो कौनसे बिजनस आपके लिए suitable होंगे, ये मैं आपको बताउंगा। साथ ही सुझाउंगा कुछ आपको उपाय जिससे शुक्र होगा आपके फेवर में और आमदनी में होगी बढ़ोतरी।
अगर जन्म कुण्डली में शुक्र शुभ हो तो इंसान के सुखों में वृद्धि करते है, Luxuries life देते है। शुक्र की उच्च स्थिति होने पर व्यक्ति दीर्घ आयु वाला, स्वस्थ, सुखी, मृदु एवं मधुभाषी, विद्वान तथा राज कार्य में दक्ष होता है। जातक मिष्ठान्नभोगी, लोकप्रिय, जौहरी, कवि, दीर्घजीवी, साहसी व भाग्यवान होता है।
भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र आकर्षण और प्रेम के प्रतीक है। आपकी कुंडली में ग्रह स्थिति बेहतर होने से बेहतर फल प्राप्त होते हैं। वहीं ग्रह स्थिति अशुभ होने की दशा में अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं। बलवान ग्रह स्थिति स्वस्थ सुंदर आकर्षण की स्थितियों की जन्मदाता बनती हैं तो निर्बल ग्रह स्थिति शोक संताप विपत्ति की प्रतीक बनती हैं। लोगों के मध्य में आकर्षित होने की कला के मुख्य कारक शुक्र ग्रह हैं।
शुक्र मुख्यतः स्त्रीग्रह, कामेच्छा, रूप सौंदर्य, आकर्षण, धन संपत्ति, व्यवसाय आदि सांसारिक सुखों के कारक है। गीत संगीत, ग्रहस्थ जीवन का सुख, आभूषण, नृत्य, श्वेत और रेशमी वस्त्र, सुगंधित और सौंदर्य सामग्री, चांदी, हीरा, शेयर, सिनेमा, मनोरंजन आदि के कारक ग्रह शुक्र माने जाते हैं।
यदि आपके जन्मांग में शुक्र अशुभ हैं तो आर्थिक कष्ट, स्त्री सुख में कमी, प्रमेह, कुष्ठ, मधुमेह, मूत्राशय संबंधी रोग, गर्भाशय संबंधी रोग और गुप्त रोगों की संभावना बढ जाती है और सांसारिक सुखों में कमी आती दिखाई देती है।
अब आइये ये जान लें कि शुक्र के व्यापार कौन कौन से होते हैं। और अगर आपका मन उन व्यापार को करने का होता है और आगे मेरे द्धारा बताए गये उदाहरण आपकी आपकी कुण्डली में सेट बैठते हैं तो आप शुक्र संबंधित व्यापार कर सकते है।
शुक्र के व्यापारः- अगर सबसे ज्यादा व्यापार की संख्या किसी ग्रह को प्राप्त है तो वो है शुक्र। फिल्म इण्डस्ट्री का कार्य जैसे- फिल्म बनाना या उससे जुडे किसी भी कार्य का वयापार, एक्टिंग करना या बक्टिंग स्कूल चलाना, कहानी लेखन, कोरियोग्राफी, डांसर, सिंगर, चित्रकार, कवि बनना या कविता लेखन, कल्चरल एक्टिविटीज का कार्य करना, किसी भी प्रकार का लक्जरी प्रोडक्स का व्यापार, फूड एंड बेवरेजेज, होटल-मोटेल, फैशन, सलोन, हेल्थ स्पा, डेकोरेशन और स्पेशली इण्टिीरियर डेकोरेटर, रेडिमेड गारमेंटस, ज्यूलरी, विवाह से संबंधित कोठ भी व्यापार, मेरिज प्लानर, लीकर बिजनस, परफयूम, स्कल्पचर, व्हाइट कलर का कोई भी काम, डीजे बनना, इवेंट और केटरिंग का व्यापार, फिटनेस या जिम का कार्य।
आइये आप अपनी और अपने नियर एंड डीयर की कुण्डली खोल के देखें और जो में कुछ उदाहरण दूंगा वो उन कुण्डलियों में होते हैं तो आप उन व्यापार को अपना सकते है-
1. मेष राशि की कुण्डली हो, 7th हाउस में शुक्र मालव्य योग बनाएंगे और इसमें खासबात यह है कि कर्म और लाभ भाव के स्वामी शनि जो कि शुक्र के मित्र भी है और शिष्य भी है। साथ में धन भाव के लाॅर्ड तो शुक्र स्वयं ही है तो लाभ मिलेगा।
2. दूसरा वृषभ लग्न की कुण्डली हो और लग्न में ही शुक्र विराजमान हो तो 7th हाउस व्यापार भाव पर इनकी दृष्टि होगी।
3. तीसरी स्थिति यह बनती है कि कर्क लग्न हो और 4th हाउस में अगर शुक्र हो तो मालव्य योग बनेगा 10th हाउस पर इनकी दृष्टि और खासबात यह है कि व्यापार भाव के लाॅर्ड शनि है जो इनके मित्र और शिष्य हैं और इधर प्रोफिट हाउस के लाॅर्ड स्वयं शुक्र बन रहे है।
4. सिंह लग्न की कुण्डली और 10th हाउस में यहां पर शुक्र विराजमान हो तो भी आप व्यापार कर सकते है, शुक्र की खासबात यह है कि व्यापार भाव के लाॅर्ड शनि जो कि मित्र और शिष्य है, इधर लाभ और धनभाव के लाॅर्ड बुध है जो मित्र है।
6. वृश्चिक लग्न की कुण्डली हो 7th हाउस में अगर व्यापार भाव में शुक्र हो तो मालव्य योग बनेगा और व्यापार कर सकते हैं।
7. मकर लग्न में 10th हाउस में शुक्र हो तो मालव्य योग बनेगा और खासबात यह है कि लग्नेश और धनेश यहां पर शुक्र के मित्र है।
ये जो मेने अभी आपको कुछ उदाहरण दिये हैं अगर ये कुण्डली में है और आपका मन व्यापार और मुख्य रूप से शुक्र से संबंधित व्यापार का कर रहा है तो आपको व्यापार करना चाहिए।
उपाय:- अब में आपको कुछ उपाय बता रहा हूं जिनका सहारा लेकर आप अपने व्यापार को स्पीड दे सकते हैं, तकलीफों और व्यापारिक अडचनों को दूर कर सकते है।
* प्रातः स्नानादि से निवृत हो कर नित्य ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। मंत्र का जप, एक माला 108 बार अवश्य करें।
* शुक्रवार को प्राणप्रतिष्ठित मातंगी यंत्र का पूजन करे। भोग के रूप में खीर चढ़ाएं। शुक्रवार से जुड़ी चांदी, दूध, दही, इत्र, चावल, मिश्री, सफेद चंदन आदि का दान सूर्योदय के समय करें।
* चाँदी की गोली अपनी पॉकेट में हमेशा रखें।
* किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य करें।
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