Love marriage प्रेम विवाह || Suresh shrimali
Love marriage
प्रेम विवाह
ज्योतिष में प्रेम-संबंधों में और लव-मैरिज को लेकर हमेषा से ही दिलचस्पी रही है। ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसी दषाओं और योगों का वर्णन है, जिनकी वजह से व्यक्ति प्रेम करता है और स्थिति लव-मैरिज तक पहुंच जाती है। जहां कुछ लोग फैमिली के सदस्यों के सहायता से पारंपरिक रीति से अपना जीवनसाथी का चयन करता है। वहीं कुछ लोगों के जीवन में प्राकृतिक रूप से ऐसी परिस्थितियां बनती है कि प्रेम संबंध बनकर उनका पे्रम-विवाह होता है। वहीं जन्म पत्रिका में सप्तम भाव से विवाह, दाम्पत्य एवं जीवनसाथी का विचार किया जाता है। वहीं पंचम भाव से प्रेम संबंधों (लव-अफेयर) और रोमांस का विचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त शुक्र ग्रह का भी विवाह में इम्पोर्टेंट रोल होता है।
ज्योतिष शास्त्र में लव-मैरिज के मामलें मे मुख्य रूप से शुक्र, मंगल, चन्द्रमा और राहु-केतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। शुक्र पुरूष की कुण्डली में सेक्स रिलेषन के कारक ग्रह माना गया है तो चन्द्रमा को पहली नजर में आकर्षण पैदा करने वाला ग्रह माना गया है, जबकि मंगल रिस्क लेने और राहु-केतु परंपरा को तोड़कर आगे बढ़ने वाला ग्रह माना गया है। इसलिए इन ग्रहों की लव-मैरिज में बहुत इम्पोर्टेंस होती है।
जानिए कुण्डली के ऐसे ही कुछ योगों के बारे में जो लव-मैरिज को संभव बनाते है।
1. 5th हाउस एवं 7th हाउस के लाॅर्ड के आपस में युति या फिर दृष्टि संबंध हो या दोनों में राषि परिवर्तन हो रहा है तब प्रेम-विवाह बनता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी वृषभ लग्न की कुण्डली है तो 5th हाउस के लाॅर्ड बुध 7th हाउस में स्थित हो एवं 7th हाउस के लाॅर्ड मंगल 5th हाउस में स्थित हो या फिर बुध एवं मंगल की 9th हाउस मकर राशि में युति हो रही हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
2. कुण्डली में जब शुक्र और राहु एक साथ हो तो प्रेम संबंधों द्वारा विवाह होता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी मिथुन लग्न की कुण्डली है तो 5th हाउस में तुला राशि में शुक्र-राहु की युति हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
3. जब 7th हाउस के लाॅर्ड राहु के साथ स्थित हो तो भी अन्तरजातीय प्रेम-विवाह का योग बनता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी मेष लग्न की कुण्डली है तो 7th हाउस के लाॅर्ड शुक्र की 10th हाउस में राहु के साथ युति हो रही हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
4. यदि पंचमेष-सप्तमेष के योग पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही है तो ऐसी लव-मैरिज पारिवारिक सहमति से होती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कर्क लग्न की कुण्डली है तो 5th हाउस के लाॅर्ड मंगल 7th हाउस में स्थित हो एवं 7th हाउस के लाॅर्ड शनि 5th हाउस में स्थित हो तथा लग्न में ही देवगुरु वृहस्पति स्थित हो एवं देवगुरु वृहस्पति की 5th हाउस एवं 7th हाउस पर दृष्टि हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
5. शुक्र-चन्द्रमा लग्न से 5th हाउस या 9th हाउस में हो तो लव-मैरिज करवाते है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी मिथुन लग्न की कुण्डली है तो 5th हाउस में चन्द्रमा-शुक्र की युति या फिर 9th हाउस में कुंभ राशि चन्द्रमा-शुक्र की युति हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
6. 7th हाउस के लाॅर्ड की युति शुक्र के साथ 12th हाउस में तो भी लव-मैरिज की संभावना बन जाती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कर्क लग्न की कुण्डली है तो 7th हाउस के लाॅर्ड शनि 12th हाउस में मिथुन राशि में शुुक्र के साथ स्थित हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों के प्रेम-विवाह की संभावना रहती है।
7. कुण्डली में मंगल-षुक्र की युति हो रही हो या मंगल-षुक्र एक-दूसरी की राषि में राषि परिवर्तन कर रहे हो तो भी लव-मैरिज की संभावनाएं बढ़ जाती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कुंभ लग्न की कुण्डली है तो 4th हाउस के लाॅर्ड शुक्र 10th हाउस में स्थित हो और 10th हाउस के लाॅर्ड मंगल 4th हाउस में स्थित हो तब शुक्र-मंगल का राशि परिर्वतन ऐसे व्यक्तियों का प्रेम-विवाह करवाता है।
8. यदि कुण्डली में 7th हाउस में राहु के साथ मंगल की युति हो रही है तो भी लव-मैरिज की पूरी संभावना रहती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी वृषभ लग्न की कुण्डली है तो 7th हाउस में स्थित स्वग्रही मंगल के साथ राहु की युति होगी तब यह योग बनेगा ऐसे व्यक्तियों का प्रेम-विवाह करवाता है।
उपाय:-
1. शुक्र के मंत्रों का जाप करे। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
2. शुक्रवार के दिन किसी सुहागन स्त्री को सुहाग की वस्तुएं भेट करे साथ ही इत्र भी प्रदान करें।
3. मंगलवार के दिन भिगी हुई मसूर की दाल पक्षियों को दाने के रूप में डाले।
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