राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के योग || (Career in Politics) || Suresh Shrimali


राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के योग
(Career in Politics) 


आज के समय में राजनेताओं को वहीं महत्व प्राप्त है जो प्राचीन समय में एक राजा का होता था। किसी भी देश या राज्य की उन्नति और समृद्धि उसके राजनैतिक नेताओं की सूझबूझ, इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता पर निर्भर करती है। वहीं जनता के मध्य और विभिन्न प्रतियोगियों के साथ एक सफल राजनेता बनना भी किसी चुनौती से कम नहीं है एक सफल राजनेता में जहां अच्छी बौधिक कुशलता, वाक्यशक्ति, अच्छी निर्णय-शक्ति आदि गुण होने चाहिए। वहीं उसमें जनता के बीच जाकर विश्वास जीतने की कला भी होनी चाहिए तो कौनसे ग्रह और ग्रहस्थितियां एक व्यक्ति को राजनीति में सफलता दिलाते है आइये जानते हैं-

‘‘ज्योतिष में सरकार, सरकारी कार्य, सत्ता और राजनीति के लिए ‘‘सूर्य‘’ को ही कारक माना गया है ‘‘शनि’’ जनता और जनता से मिलने वाली सपोर्ट कारक है इसी तरह कुण्डली का ‘‘चतुर्थ भाव’’ भी जनता की सपोर्ट को दिखाता है इसके अलावा कुण्डली का छठा भाव प्रतिस्पर्धा और विरोधियों तथा तीसरा भाव अपनी शक्ति और पराक्रम का कारक होने से राजनीति में अपनी सहायक भूमिका निभाते है।’’

  सूर्य:- राजनीति के क्षेत्र में सफलता के लिए सूर्य ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि सूर्य को ही सरकार और सत्ता का कारक माना गया है इसके अलावा शासन की कुशलता, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा, इच्छाशक्ति और यश का कारक भी सूर्य ही होता है और राजनीति में आगे बढ़ने के लिए प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का होना बहुत आवश्यक है इसलिए भी राजनीति में सफलता पाने के लिए कुण्डली में सूर्य का बलि होना आवश्यक है। 

शनि:- शनि को जनता और जनता से मिलने वाला सपोर्ट का कारक माना गया है और सक्रीय राजनीति में सफल होने के लिए जनता के साथ मिलना बहुत आवश्यक है अतः कुण्डली में बलवान शनि जनता का सहयोग दिलाकर व्यक्ति को सफल राजनेता बनाता है। 
चतुर्थ-भाव- कुण्डली का चैथा भाव भी जनता का कारक है अतः राजनीति में  सफलता के लिए कुण्डली के चतुर्थ भाव और चतुर्थेश का बलि होना भी बहुत आवश्यक है। 
षष्ठ और तृतीय भाव- कुण्डली का छठा और तीसरा भाव प्रतिस्पर्धा की क्षमता और विरोधियों पर विजय को दर्शाता है अतः कुण्डली में इन दोनों भावों का बलि होना भी राजनीति में सहायक होता है तथा विरोधियों पर विजय दिलाकर प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है। 

निष्कर्ष:-  उपरोक्त तथ्यों में हमने देखा कि राजनैतिक सफलता के लिए मुख्य घटक सूर्य, शनि और चतुर्थ भाव ही होते हैं सूर्य सीधे-सीधे सत्ता और राजनीति का कारक है तथा शनि व चतुर्थ भाव जनता का सहयोग दिलाते है। अतः निष्कर्षः राजनैतिक सफलता के लिए कुण्डली में सूर्य, शनि और चतुर्थ भाव का अच्छी स्थिति में होना बहुत आवश्यक है इसके अतिरिक्त राहु कूटनीति का ग्रह होने से बलि या शुभ स्थिति में स्थित राहु की भी यहां सहायक भूमिका होती है। अब यहां एक महत्वपूर्ण बात और है राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ने के भी दो मार्ग है एक सक्रीय चुनावी राजनीति और दूसरी संगठन की राजनीति आप राजनीति के क्षेत्र में किसी भी प्रकार जुड़ें हो सफलता के लिए कुण्डली में सूर्य का अच्छा होना बहुत आवश्यक है। जिन लोगों की कुण्डली में शनि कमजोर या पीड़ित होता है उन लोगों को जनता का सहयोग न मिल पाने के कारण चुनावी राजनीति में सफल नहीं हो पाते अतः कमजोर शनि वाले लोगों को चुनावी राजनीति में ना जाकर संगठन में रहकर कार्य करना चाहिए। 

राजनैतिक सफलता के कुछ विशेष योग:- 

1. यदि सूर्य स्वराशि या उच्च राशि के सिंह, मेष में होकर केन्द्र, त्रिकोण आदि शुभ भावों में बैठा हो तो राजनीति में सफलता मिलती हैं। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी मेष लग्न की कुण्डली है तो 5th हाउस में सिंह राशि में सूर्य स्वग्रह होकर स्थित होंगे एवं 5th हाउस कुण्डली का त्रिकोण भाव होता हैं तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है। 
2. सूर्य 10th हाउस में हो या 10th हाउस पर सूर्य की दृष्टि हो तो राजनीति में सफलता मिलती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी मिथुन लग्न की कुण्डली है तो 10th हाउस में मीन राशि में सूर्य स्थित हो या सूर्य 4th हाउस कन्या राशि में स्थित होेकर 10th हाउस पर पूर्ण दृष्टि होती है तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
3. सूर्य यदि मित्र राशि में शुभ भाव में हो और अन्य किसी प्रकार पीड़ित ना हो तो भी राजनैतिक सफलता मिलती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कर्क लग्न की कुण्डली है तो सूर्य 10th हाउस में मेष राशि में मित्रराशिस्थ होकर शुभ भाव मे होगा। तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
4. शनि यदि स्वराशि या उच्च राशि मकर, कुंभ, तुला में होकर केन्द्र त्रिकोण आदि शुभ स्थानों में बैठा हो तो राजनीति में अच्छी सफलता मिलती है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी वृषभ लग्न की कुण्डली है तो शनि 9th हाउस में मकर राशि में स्वग्रही होकर स्थित होंगे जो कि त्रिकोण भाव है या फिर शनि 10th हाउस में कुंभ राशि में स्वग्रही होकर स्थित होंगे जो कि केन्द्र भाव है। तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
5. यदि चतुर्थेश चैथे भाव में बैठा या चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि हो तो ऐसे व्यक्ति को विशेष जनसमर्थन मिलता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी सिंह लग्न की कुण्डली है तो 4th हाउस के लाॅर्ड मंगल 4th हाउस में स्वग्रही होकर स्थित होंगे जोकि त्रिकोण भाव है या फिर 4th हाउस के लाॅर्ड मंगल 10th हाउस में स्थित होकर 4th हाउस पर दृष्टि हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
6. 4th हाउस के लाॅर्ड का स्वगृही या उच्च राशि में होकर शुभ स्थान में होना भी राजनैतिक सफलता में सहायक होता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कर्क लग्न की कुण्डली है तो 4th हाउस के लाॅर्ड शुक्र 9th हाउस में मीन राशि में उच्च के होकर विराजमान हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
7. दशमेश और चतुर्थेश का योग हो तो दशमेश चतुर्थ भाव में और चतुर्थेश दशम भाव में हो तो ये भी राजनीति में सफलता दिलाता है। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी कुंभ लग्न की कुण्डली है तो 10th हाउस के लाॅर्ड मंगल 4th हाउस में वृषभ राशि में विराजमान हो तथा 4th हाउस के लाॅर्ड शुक्र 10th हाउस में विराजमान हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है।
8. सूर्य और बृहस्पति का योग केन्द्र, त्रिकोण में बना हो तो ये भी राजनैतिक सफलता दिलाता हैं। उदाहरण के तौर पर समझिये आपकी धनु लग्न की कुण्डली है तो सूर्य 5th हाउस में मेष राशि में त्रिकोण में स्थित हो और देवगुरु बृहस्पति 10th हाउस में केन्द्र में स्थित हो तब यह योग बनता है। और ऐसे व्यक्तियों को राजनीति में सफलता प्राप्त होती है। 
9. कर्क लग्न में पैदा होने वाला अधिकतर व्यक्ति नेतृत्व गुणों से संपन्न होता है। भारत के अधिकतर शासक इस लग्न या राशि के है। उनमें मुख्य हैं- पं. जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, इन्द्र कुमार गुजराल, श्रीमती सोनिया गांधी, एच डी देवेगौड़ा, डाॅ. मनमोहन सिंह आदि। 
10. बृहस्पति यदि बलि होकर लग्न में बैठा हो तो राजनैतिक सफलता दिलाता है। 
उपाय:- राजनीति से जुड़ें या राजनीति में जाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को सूर्य की उपासना अवश्य करनी चाहिए। 

1. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। 
2. सूर्यदेव को तांबे के कलश में कुंकुंम एवं गुड़ मिलाकर जल अर्पित करें। 
3. ऊँ घृणि सूर्याय नमः का जाप करें। 

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