Saavan Maas-2018 || श्रावण मास और दाम्पत्य जीवन || Suresh Shrimali
श्रावण मास
और
दाम्पत्य जीवन
1. यूं तो परिवार में कलह को कभी भी अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन सावन के महीने में जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद और अपशब्दों का प्रयोग हानकिारक होता है। इन दिनों शिव-पार्वती की पूजा से दांपत्य जीवन में प्रेम और तालमेल बढ़ता है इसलएि प्रेम एवं सामंजस्य के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
2. शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में दूध का सेवन अच्छा नहीं होता है। यही कारण है कि सावन में भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने की बात कही गई है। इससे वात संबंधी दोष से बचाव होता है।
3. सावन का दूसरा मतलब सात्वकिता का पालन है क्योंकि शिव इन दिनों विष्णु के कार्य का भी संचालन करते हैं इसलिए सावन में मांस, मदिरा के सेवन से परहेज करना चाहिए। इससे मन शांत रहेगा और काम क्रोध की भावना पर नियंत्रण रखने में आसानी होगी।
4. सावन के महीने में प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक कई जन्मों के पाप के प्रभाव को कम कर देता है। इसलएि शास्त्रों में बताया गया है सावन में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान करके भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। देर तक सोने से यह अवसर हाथ से चला जाता है और शिव की कृपा से वंचति रह जाते हैं।
5. सावन के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध माना गया है इसलिए द्वादशी, चतुर्दशी के दिन और कार्तिक मास में भी इसे खाने की मनाही है।
6. सावन का महीना शिव का महीना है इसलिए इस महीने में शिव भक्तों का अपमान न करें। भगवान शिव के भक्तों का सम्मान शिव की सेवा के समान फलदायी होता है। यही कारण है कि कई लोग कांवड़ियों की सहायता करते हैं।
7. इस महीने में सांढ़ अगर घर के दरवाजे पर आए तो उसे मार कर भगाने की बजाय कुछ खाने को दें। सांढ को मारना शिव की सवारी नंदी का अपमान माना जाता है।
8. क्रोध में किसी को अपशब्द नहीं कहें और बड़े बुजुर्गों सम्मान करें।
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