Savan Maas-2018 || श्रावण मास में कौनसा पुष्प चढ़ाए और किन-किन बातों का रखे विशेष ख्याल || Suresh Shrimali


जानिए कोनसा पुष्प है
भोलेनाथ को प्रिय

 श्रावण मास में कौनसा पुष्प चढ़ाए ताकि भोलेनाथ का आशीर्वाद पाएं
कौनसे पुष्प त्रिनेत्रधारी को है सबसे अधिक प्रिय और किसने खोला यह राज, आइए जानते है- 
एक पौराणिक कथा के अनुसार 89 हजार ऋषि-मुनियों ने जब देवा-दी-देव महादेव को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद लेने का मन बनाया तो वो सृष्टि के रचियता ब्रह्माजी के पास गए और उनसे महादेव को कैसे प्रसन्न करें, ये जानने की इच्छा व्यक्त की। जवाब में ब्रह्माजी ने बताया कि 100 कमल पुष्प चढाने से जितना महादेव प्रसन्न होते है, उतना ही एक नीलकमल चढाने से हो जाते है। ऐसे ही 1000 नीलकमल चढाने से जितना महादेव प्रसन्न होते है, उतना ही प्रसन्न वो एक बेलपत्र चढाने से हो जाते है। वैसे ही 1000 बेलपत्र चढाने से जितना प्रसन्न महादेव होते है, उतना ही प्रसन्न वो मात्र एक शमीपत्र चढाने पर हो जाते है   


 श्रावण मास में किन-किन बातों का रखे विशेष ख्याल:-

इस पवित्र श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न कर कैसे प्राप्त कर सकते है उनका आशीर्वाद, आइए जानते है-
ऐसी मान्यता है कि इस माह में जो भी भक्त सच्ची भक्ति करता है उसके समस्त कष्ट, बाधाए, दुःख-दर्द दूर होते है देवा-दी-देव महादेव की उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है इस अतिपवित्र और पावन मास में शिवालयों में सभी भक्तों की भीड़ प्रातःकाल से ही देखने को मिल जाती है मैं आज आप सभी को कुछ बातें बताने जा रहा हूँ जिसका सभी शिव भक्तों को विशेष ध्यान रखना चाहिए   

ब्रह्म मुहूर्त में ही बिस्तर को त्यागना:- जब व्यक्ति प्रातःकाल जल्दी उठेगा तभी तो नित्य कर्मों से निवृत हो स्नानादि के पश्चात भोलेनाथ की पूजा प्रातःकाल में कर पाएगा इस माह प्रातःकाल में पूजा का विशेष महत्त्व है वही सुबह का समय स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद है शुद्ध हवा के साथ ही रात भर सो कर मन भी शांत होता है मन को पूरी तरह एकाग्रचित कर पूजा की जा सकती है जो शीघ्र शुभ फलों की प्राप्ति में सहायक होती है 

बुरे विचारों से दूरी बनाना:- इस धार्मिक मास में जब धर्म के प्रति आस्था बलवती होती है तो ऐसे में मन में बुरे विचारों का कोई भी स्थान नहीं होता, इसलिए इस पूरे मास किसी को नुकसान पहुँचाने, अधार्मिक कार्यों और स्त्री के बारे में किसी भी प्रकार के गलत विचारों से बचना चाहिए शास्त्रों में भी किसी स्त्री के बारे में गलत सोचने को महापाप की श्रेणी में डाला गया है इस माह में धर्म संबंधित पुस्तके एवं अच्छे साहित्य के अध्ययन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, तभी शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाएगी   

अपने गुस्से को रखे काबू में:- गुस्सा अक्ल को खा जाता है अशांत चित्त से कोई भी व्यक्ति पूजा जैसे धार्मिक कार्य को अच्छी तरह से संपन्न नहीं कर सकता और महादेव की कृपा अशांत मन से प्राप्त नहीं की जा सकती है तो इस पवित्र श्रावण मास में अपने गुस्से को रखे अपने से दूर 

पति-पत्नी के मध्य बहे प्रेम की सरिता:- किसी भी एक मुद्दे पर सभी व्यक्तियों की समान विचारधारा बने, ये संभव नहीं डिफरेंस ऑफ ओपिनियन का होना जरूरी है लेकिन ये किसी भी लड़ाई का स्वरुप ले लें ऐसी सिचुएशन को इस महीने अवॉयड करना चाहिए जिस घर में क्लेश रहता है वहां देवी-देवताओं का वास नहीं होता शांत और प्रसन्नचित मन से की गयी पूजा का सम्पूर्ण फल भी शीघ्र ही प्राप्त होता है ऐसे में सभी पति-पत्नियों को चाहिए की संबंधों में मिठास बनाए रखें 

सभी का करें सम्मान विशेषकर किनका नहीं करना है अपमान:- ख्याल रहे की इस पवित्र माह में सभी बुजुर्गजनों, गुरुओं, ज्ञानीजन, माता-पिता, पत्नी और भाई-बहन का ना करें अपमान ऐसा नहीं करने से भोलेनाथ को समर्पित किसी भी पूजा का नहीं मिल पाएगा कोई भी शुभ फल श्रावण मास में विशेषकर इनका भूलकर भी नहीं करे अपमान, वर्ना आप रहेंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

किस वस्तु के सेवन से बचें इस पावन मास में:- शास्त्रो में बैंगन को अशुद्ध के श्रेणी में रखा गया है. इसलिए श्रावण मास में बैंगन का किसी भी रूप सेवन करना वर्जित है वैसे भी श्रावण मास के दौरान बैंगन में कीड़े लग जाते है और ऐसी परिस्थिति में इसका सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सही नहीं है यही प्रक्रिया आप कार्तिक मास में भी आप देख सकते है

श्रावण मास में क्यों नहीं करे दूध का सेवन:- इस माह में दूध के सेवन से वात दोष बढ़ता है यदि आप इस परिस्थिति को अवॉयड नहीं कर सकते है तो दूध को बहुत अच्छी तरह से ज्यादा बॉईल करने के पश्चात ही सेवन करें वैसे आप दही का सेवन करते है तो इसे दही के रूप में खा सकते है वही भाद्र मास में दही के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि ये इस दौरान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है   

श्रावण में हरी पत्तेदार सब्जियों से करें परहेज:- श्रावण मास में क्योंकि हम सभी भोलेनाथ का व्रत करते है हरी पत्तेदार सब्जियों में कीड़े ना हो, ये संभव नहीं वहीं जहां ये उगाई जाती है इसके आस-पास अन्य घास का उग आना स्वाभाविक है, जो की हानिकारक होती है, ऐसे में हमारे खाने में इनका आना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है और इस मास में हरी सब्जियों में वात को बढ़ाने वाले तत्वों में भी बढ़ोतरी हो जाती है, इसलिए इसे इस दरम्यान खाना उचित नहीं है

नॉन-वेज आहार से बनाये पूरी दूरी:- हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा, पर्व अथवा त्यौहार में किसी भी जीव की हत्या कर उसे खाना निषेध है एक तरफ हम धर्म का कार्य कर रहे है, वहीं किसी जीव की हत्या अपने निजी स्वार्थ और स्वाद के लिए करना, कहां सनातन धर्म की बात हो गयी? ये एक घोर पाप की श्रेणी में आता है इसलिए ऐसा कर पाप के भागी बनने की बजाए आप इससे उचित दूरी बनाए

शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना है वर्जित:- शिवलिंग पौरुषत्व को दर्शाता है और ये भोलेनाथ का प्रतीक है हल्दी एक स्त्रीत्व वस्तु है इसलिए इसका उपयोग शिवलिंग पर नहीं किया जाना चाहिए  जलाधारी एक स्त्रीत्व है, जो की माँ पार्वती का प्रतीकात्मक है, इसलिए हल्दी का प्रयोग जलाधारी पर ही करना चाहिए 

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