Shradh Paksha-2018 || क्या आपके घर में किसी की अकाल मृत्यु हुई है? जानें पितृ दोष के कारण और निवारण || Suresh Shrimali
क्या आपके घर में किसी की अकाल मृत्यु हुई है?
जानें पितृ दोष के कारण और निवारण
जानें पितृ दोष के कारण और निवारण
जाने और अनजाने में गर्भ में बच्चे की हत्या करना जिसे हम अबोर्शन या मिस केरेज का नाम दे देते हैं। परिवार की आर्थिक या मानसिक यातनाओं को झेल नहीं पाने के कारण हमारे परिवार का कोई सदस्य आत्म हत्या कर लेता है। किसी रोड एक्सीडेंट में परिवार के किसी सदस्य की डेथ हो जाती है। पानी में बह जाने से मृत्यु हो जाना और बाॅडी का ना मिलना। किसी बाॅम्ब ब्लास्ट, ट्रेन एक्सीडेंट या बस का खाई में जा गिरना जैसी कोई घटना होना। दुश्मनी के कारण हत्या हो जाना। प्यार में असफल होने पर आत्म हत्या करना। जवानी में किेसी जैसी अनेकों घटनाएं हम आए दिन सुनते हैं। लेकिन आपको यह पता करना होगा कि कहीं आपके परिवार में तो किसी के साथ ऐसा हादसा नहीं हुआ है और अगर ऐसा हुआ है तो आपको इसका उचित निवारण करना आवश्यक है।
अब में आपको वो उपाय बताने जा रहा हूं जिसे करने से आपके जीवन में शांति आएगी और पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी।
सबसे उपयोगी जो उपाय है वो ये कि जिस घर में आप रहते हैं उसके रसोई यानी किचन में आपको कुकिंग आॅइल का दीपक जलाना है वो भी मटकी के पास या जहाॅं भी आप भोजन पकाने में जल का उपयोग करते हैं वहाॅं पर जलाना चाहिए और बाद में अपने का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। बाकी प्रयोग इस प्रकार है।
1. सूर्य को जलः- शुक्लपक्ष के प्रथम रविवार के दिन जातक को घर में पूरे विधि-विधान से ‘सूर्ययंत्र’ स्थापित कर सूर्यदेव को प्रतिदिन तांबे के पात्र में जल लेकर, उस जल में कोई लाल फूल, रोली और चावल मिलाकर, अर्घ देना चाहिए।
2. पीपल को जलः- बृहस्पतिवार के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाने और फिर सात बार उसकी परिक्रमा करने से जातक को पितृदोष से राहत मिलती है। पीपल का वृक्ष लगवाएं और उसकी देखभाल करें।
3. जातक को अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म संपन्न करना चाहिए। वे भले ही अपने जीवन में कितना ही व्यस्त क्यों ना हो लेकिन उसे अश्विन कृष्ण अमावस्या को श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
4. पूर्वजों से आशीर्वादः- शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को शाम के समय पानी वाला नारियल अपने ऊपर से सात बार वारकर बहते जल में प्रवाहित कर दें और अपने पूर्वजों से मांफी मांगकर उनसे आशीर्वाद मांगे।
5. अमावस्या के दिन किसी निर्धन को भोजन कराएं, खीर जरूर खिलाएं।
6. श्रीमदभगवद्गीता का नित्य प्रातः पाठ करें।
7. ग्रहण के समय दान अवश्य करें।
8. शनिवार या मंगलवार या अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन करवाएं।
9. शनिवार काले कुत्ते को इमरती खिलाएं।
10. घर के मुख्य द्वार की चैखट पर शनिवार को स्वास्तिक बनाकर लगाएं।
11. श्राद्ध पक्ष के किसी भी दिन 125 ग्राम जौं किसी बर्तन में रखकर सोते समय अपने सिराहने रखें। अगले दिन प्रातः ऊं रां राहवे नमः मंत्र का 108 बार जाप कर जौ पक्षियों को चुगने हेतु डाल दें। श्राद्ध पक्ष के अलावा यदि यह प्रयोग करें तो प्रति शुक्रवार की रात व शनिवार की प्रातः करें और ऐसा 21 शनिवार करें।
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