Ganesh Chaturthi 2018 | श्री गणेश से पाएं सुख-शांति, सफलता और कलह से मुक्ति | Suresh Shrimali
श्री गणेश से पाएं
सुख-शांति, सफलता और कलह से मुक्ति
सुख-शांति, सफलता और कलह से मुक्ति
इस बार एक नहीं अनेक शुभ संयोग के साथ यह पर्व आ रहा है। ऐसे शुभ समय में हमें अपनी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रयत्न करके उन्हें प्रसन्न करने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। श्री गणेश आपके घर में सुख-समृद्धि व शांति स्थाई रूप से लेकर आए इसके लिए मैं आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय बता रहा हूं आप उन्हें अपनाएं और चमत्कार पाएं।
अगर आपके घर में हमेशा कलह रहता है। जिसके कारण आपके परिवार में सुख-शांति नहीं रहती हैं। इसके लिए बुधवार को सुपारी लेकर श्री गणेश का ध्यान करते हुए उन्हें अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित करें, साथ ही उनकी रोज विधि-विधान से पूजा करें।
अधिक मेहनत के उपरान्त भी सफलता हाथ नहीं लग पा रही है तो बुधवार के दिन श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा करने के बाद गुड़ और घी का भोग लगाएं और थोड़ी देर बाद भोग गाय को खिला दें।
बुधवार के दिन गणेशजी को सिन्दूर चढ़ाएं इससे आपकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण होगी। सिन्दूर चढ़ाते समय विशेष मंत्र को भी पढ़े, क्योंकि वैसे तो हर देवी-देवता पर सिन्दूर चढ़ाया जाता है, लेकिन शिव परिवार या शिव के सभी अंश अवतारों पर सिन्दूर चढ़ाने का एक अलग ही महत्व है। इसलिए हर बुधवार को इस मंत्र के साथ गणेश जी को सिन्दूर चढ़ाना चाहिए।
मंत्र:-
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
बुधवार को गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाने पर बुद्धि तेज होती है। साथ ही सभी क्लेषों का नाश और मानसिक शांति मिलती है। शमी के पत्ते चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें जिससे कि गणेश जी जल्द प्रसन्न होंगेः-
त्वत्प्रियाणि सुपुष्पाणि कोमलानि शुभानि वै।
शमी दलानि हेरम्ब गृहाण गणनायक।।
यदि आपके घर में क्लेश, लड़ाई-झगड़ा बना रहता है और छोटी-छोटी बातों में पति-पत्नी में आपसी मतभेद और सब कुछ होते हुए भी अशांति बनी रहती है, ऐसे में आप इस मंत्र का जाप गणेश चतुर्थी से चतुर्दशी तक एक माला रोजाना करेंः-
“ऊँ मंगलमूर्तये नमः।”
हर बार कोशिश करने पर भी आपको नौकरी नहीं मिल पाती, ऐसे में आप हैरान, परेशान और निराश हो जाते है। ऐसी परिस्थिति में आप इस मंत्र की एक माला इन 10 दिनों में जाप करें और सफल प्राप्त करेंः-
“ऊँ गणपतये मम इच्छित कार्य कुरू कुरू नमः।”
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