मंत्र जाप से दूर करे वास्तु दोष | SURESH SHRIMALI | GRAHON KA KHEL
मंत्र जाप से दूर करे वास्तु दोष
आप में से कितने ही लोग घर बनवाते समय जाने-अनजाने में ऐसी भूल चूक कर बैठ ते है, जिससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा कई बार घर की साज-सजावट और घर में रखे सामान से भी वास्तु दोष बनता है। वास्तु दोष का असर कम करने के लिए अब तक आपने हमारे कई एपिसोड देखे है। आज के वास्तु स्पेशल एपिसोड में जानेंगे वास्तु मंत्र के बारे में। वास्तु मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर और घर में शुभता और खुशियों को आमंत्रित करता है। इसीलिए घर की जिस दिशा में वास्तु दोष हो, उस दिशा के अनुसार मंत्र का जाप करना चाहिए।
वैसे आज कल बहुत से लोग मंत्रों की शक्तियों पर यकीन नहीं करते, उन्हें लगता है कि तंत्र-मंत्र से कुछ नहीं होता। अब इसका कारण भी है क्योंकि कई ढ़ोंगी लोग साधु बनकर मंत्रों से चमत्कार करने का दिखावा करते हैं जो वास्तव में सच नहीं होता।
जबकि मंत्रों की शक्ति का सच तो साइंस ने भी माना है। साइंटिफिक देखा जाए तो सही तरीके से मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो उससे कंपित होने वाली उर्जा मिरिकल कर दिखाती है। तो आइये जानते है कौनसी दिशा के लिए कौनसा मंत्र आपके घर के वास्तु दोष को दूर कर सकता है।
उत्तर दिशा का मंत्र
उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर हैं। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर घर में पैसा नही रुकता। इस दिशा को वास्तु दोष से मुक्त करने के लिए ऊँ कुबेराय नमः मंत्र का जप करें।
वायव्य दिशा मंत्र (नॉर्थ-वेस्ट)
इस दिशा के स्वामी वायु देव हैं। यह दिशा दोषपूर्ण होने पर सर्दी जुकाम एवं चेस्ट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इस दिशा के दोष को दूर करने के लिए ऊँ वायवै नमः मंत्र का जाप करे।
दक्षिण दिशा मंत्र
दक्षिण दिशा के देवता यमराज हैं। ऊँ यमाय नमः मंत्र के जाप से इस दिशा का दोष समाप्त होता है। साथ ही मंत्र के पाठ से जाने-अनजाने किए गए पापों से छुटकारा मिलता है।
आग्नेय दिशा मंत्र (साउथ-ईस्ट)
आग्नेय दिशा के देवता अग्नि हैं। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर ऊं अं अग्ने नमः मंत्र का जप करे। याद रहे इस दिशा को दोष से मुक्त रखने के लिए इस दिशा में पानी का टैंक, नल, शौचालय अथवा अध्ययन कक्ष न बनाएं।
पूर्व दिशा मंत्र
पूर्व दिशा के स्वामी भगवान इन्द्र हैं। इस दिशा को दोष मुक्त रखने के लिए प्रतिदिन 108 बार इंद्र मंत्र ऊँ इन्द्राय नमः का जप करे।
ईशान दिशा मंत्र (ईस्ट-नॉर्थ)
इस दिशा के स्वामी भगवान शिव हैं। इस दिशा का वास्तु दोष दूर करने और संतान व सुखी परिवार के लिए ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करें।
पश्चिम दिशा मंत्र
पश्चिम दिशा के देवता वरूण हैं। इस दिशा में किचन कभी भी नहीं बनाये। जिनके है उन लोगो को इस दिशा में वास्तु दोष होने पर ऊँ अपां पतये वरुणाय नमः मंत्र का जाप करें।
नैऋत्य दिशा मंत्र (साउथ-वेस्ट)
नैऋत्य दिशा के देवता नैऋत हैं। भगवान नैऋत के मंत्र ऊँ नैऋताय नमः के जाप से इस दिशा का वास्तु दोष कम किया जा सकता है।
दर्शकों, मंत्रो की शक्ति हमारे सभी दोषों को दूर करती है। मन को एकाग्रचित रखते हुए, शांत मन से उच्चारण करे। और अपने घर परिवार में खुशियां लाए।
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