मां को पसंद हैं ये 9 भोग, जानिए नवरात्रा में किस दिन क्या चढ़ाएं || Suresh Shrimali

मां को पसंद हैं ये 9 भोग, 
जानिए नवरात्रा में किस दिन क्या चढ़ाएं


नवरात्रा के नौ दिनों देवी पूजन और व्रत का बहुत महत्व है। मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व आने वाला है। इन नौ दिनों में व्रत रखने के लिए कुछ बातें अवश्य ध्यान रखें और मां दुर्गा के नौ रूपों को क्या चढ़ाए भोग ताकि मिले मां का आशीर्वाद। 

1. शैलपुत्री- माता का ये रूप पहाड़ों की पुत्री का है। इसलिए मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुओं का भोग लगाना उपयुक्त है और अगर यह गाय के शुद्ध देशी घी से निर्मित है तो भक्त को सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। 
2. ब्रह्मचारिणी- माता का ये रूप मां ब्रह्मचारिणी का है, इनको पंचमेवा का भोग लगाने से लंबी आयु का सौभाग्य प्राप्त होता है।
3. चंद्रघंटा- माता का ये रूप चाँद की तरह चमकवान है। यदि पाना है सभी दुखों से मुक्ति तो मां चन्द्रघंटा को दूध और इससे निर्मित वस्तुओं का भोग लगाने अथवा दान करने से मां खुश होती हैं। 
4. कूष्माण्डा- माता का ये रूप पूरा जगत है जिनके कदमों में। यदि करना है अपनी बुद्धि में विकास और निर्णय क्षमता मंे बढ़ोतरी तो मां कुष्मांडा को लगाए मालपुए का भोग, स्वयं भी खाएं और पंडितों को भी खिलाएं।  
5. स्कंदमाता- माता का ये रूप कार्तिक की माता का है। पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा करके इन्हें केले का भोग लगा, यह प्रसाद ब्राह्मण को देने से भक्त की बुद्धि का विकास होता है।
6. कात्यायनी- माता का ये रूप कात्यायन आश्रम में जन्म लेने के कारण हुआ। मां कात्यायनी षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में शहद का प्रसाद चढाना चाहिए, इससे भक्त रूपवान होता है।
7. कालरात्रि- माता का ये रूप काल का संहार करने वाला है। भक्त को यदि शोकमुक्त होना है तो मां कालरात्रि को सप्तमी तिथि के दिन जगदम्बा को पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। 
8. महागौरी- माता का ये रूप माता का ये रूप मां महागौरी अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं एवं समस्त मनोकामनाएं पूर्ण का आशीर्वाद पाएं। इसके बाद उस नारियल को सात बार अपने सिर से उसारकर इसे बहती हुई जलधारा में प्रवाहित करें।
9. सिद्धिदात्री- माता का ये रूप सर्व सिद्धि प्रदाता है। जीवन में समस्त सुखों एवं शांति की है यदि कामना तो मां सिद्धिदात्री को नवमी के दिन हलवा, चना, पूरी, खीर और पूए का लगाएं भोग और फिर इसे गरीबों में बांट दें। 


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