नवरात्री का सच जानिए मेरी जुबानी || Suresh Shrimali
हम जन्म लेते है और बोलना सिखते है, तो सबसे पहला शब्द होता है, ‘‘माँ’’। माँ का नाम ही ऐसा हैं जिसके उच्चारण मात्र से ही हमारे आस-पास खुशियाँ ही खुशियाँ आ जाती हैं। लेकिन आज माँं को ज्यादातर लोग अपनी मनोकामना पूर्ति का एक उपकरण ही मानते है।
सिर्फ भोजन ना करके ही आप व्रत ना करें बल्कि इस बार नवरात्रों में व्रत करिए समाज में फैली कुरूतियों, बुराइयों को मिटाने का, व्रत करिए बुरे विचारों को त्यागने का, व्रत करिये माता-पिता की सेवा का।
इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ जरूरी नियम और बातों का ख्याल जरूर रखना होता है। आइये जानते हैं नवरात्रा व्रत में किन बातों का खास ख्याल रखेंः-
1. व्रती को नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए।
2. कलश स्थापना करने या अखंड दीप जलाने वालों को नौ दिनों तक अपना घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए।
3. घर में सात्विक भोजन बनना चाहिए। लहसून-प्याज, नॉनवेज से बचना चाहिए।
4. नवरात्रा का व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल-जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए।
5. काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
6. किसी का दिल दुखाना सबसे बड़ी हिंसा मानी जाती है।
7. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान 7 दिन पूजन नहीं करना चाहिए।
इन सभी बातों का आप सभी विशेष रूप से ध्यान रखें।
अब मैं आपको बताता हूं कि क्यों हर साल नवरात्री में इतनी पूजा करने के बाद भी सफलता हमें नहीं मिल पा रही है, क्योंकि शापोद्धार के 20 श्लोक हम नहीं पढते है। इसके पीछे एक मुख्य कारण क्या है आइये अब हम जाते है।
बात कर रहा हूँ , दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ की। नाम तो सुना ही होगा। ब्रह्मा-वशिष्ठ-विश्वामित्र तीनों ऋषि-मुनियों ने कलयुग की समस्याओं को समाप्त करने के लिए 700 श्लोकों से एक ग्रन्थ की रचना की। जिस ग्रन्थ में हमारी मनोकामनाओं की पूर्ति के सारे प्रयोग मौजूद है लेकिन उसी ग्रंथ में वशीकरण, मारण और उच्चाटन के मंत्र भी शामिल है।
अब आप एक बात बताइये एक व्यक्ति एक ऐसी स्त्री से प्रेम करता है जो कि विवाहित भी है और वो व्यक्ति उस स्त्री को पाने के लिए नवरात्री में व्रत करता है और वशीकरण के मंत्रों का विधिवत जाप भी करता है, तो आप के हिसाब से क्या होना चाहिए। अगर आप ये कहते हैं कि ये गलत है तो किसके लिए गलत है आपके और उस स्त्री के लिए। लेकिन उस व्यक्ति के लिए तो सही है, क्योंकि दुर्गा सप्तशती में ही तो ये मंत्र दिया है। अगर आप कहते है कि व्यक्ति सही है तो भी आप गलत है क्योंकि ऐसे तो कोई किसी से भी प्रेम कर वशीकरण मंत्र से उसे प्राप्त कर लेगा।
ऐसे ही प्रश्न उन तीनो ऋषि-मुनियों से जब पूछे गये तो उन्होने दुर्गा सप्तशती को नष्ट कर दिया। लेकिन वापस जब ये पूछा गया कि उन लोगों का क्या होगा जो दुकान में ग्राहक ना होने से परेशान है और बच्चे भूखे है और वो वशीकरण मंत्र का जाप करके ग्राहकों को बुलाता है तो क्या गलत है। तब ऋषि-मुनियों ने इसका तोड निकाला और वो तोड था शापोद्धार के 20 श्लोक। इन 20 श्लोकांे को नवरात्री के पहले दिन पढना चाहिए। जिसका अर्थ है कि मैं दुर्गा सप्तशती का पाठ और नवरात्री अपने, राष्ट्र और परिवार की खुशहाली के लिए करूंगा, जिससे किसी का भी अहित ना हो। ये 20 श्लोक आप हमारे कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते है।
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