Suresh Shrimali is versatile and multifaceted personality. Rarely do we come across such a person in our day to day life. There are people who acquire knowledge and there are people who get success but all that comes at an advanced age but to achieve such heights and at such a young age this is something that boggles our mind. And this is what makes him a brilliant exception
Navratri 2017|| जानिए माँ के 9 रूपों की 1 आराधना "माँ की सेवा और माँ की ...
बच्चा कोई भी गलती करें तो पिता के पास में ना जाकर माँ के आंचल में छुप जाता है माँ स्नेह की मूर्ति है। हर गलती को क्षमा करने वाली है। माँ को मनाने में बच्चे को कुछ क्षणों से ज्यादा का समय नहीं लगता, इस दुनिया में सब कुछ मुश्किल हो सकता है लेकिन माँ का आशीर्वाद हमेशा सहजता और सरलता से प्राप्त होता है। नवरात्रा पर्व में हम नौ दिन तक उसी माँ के स्वरूप की पूजा-अर्चना करते है। हमारे सनातन धर्म में शब्द को ब्रह्म कहा गया है और यदि आप शब्दों पर गौर करें तो पाएंगे कि काम, क्रोध, मोह, लोभ और लालच पुरूष वाचक शब्द है। जबकि श्रद्धा, दया, भक्ति, करूणा, जिज्ञासा और क्षमा सारे स्त्री वाचक शब्द है। आप इसे सिर्फ इत्तेफाक नहीं कह सकते। माँ की मूल संरचना में ही ये सारे गुण विद्यमान है। इसीलिए इन नौ दिनों में पूरी आस्था के साथ माँ की भक्ति कीजिए हरेक मनोकामना सिद्ध होगी।
नवरात्रा में हम माँ दुर्गा-भगवती की आराधना तो करते हैं, लेकिन हम अपने जीवन में अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं तो माँ की आराधना का फल हमें कैसे प्राप्त होगा? क्योंकि इस संसार में देवी का रूप माँ ही है। नारी जब माँ बनती है तो वह केवल बालक को जन्म ही नहीं देती स्वयं उसका भी पुर्नजन्म होता है। क्योंकि वह बालक उसके शरीर का हिस्सा होता है। उसका हृदय वात्सल्य, दया, करूणा और ममता से भर जाता है। स्वयं माता का जीवन गौण होकर उसकी सारी खुशियां बच्चे की खुशियों से जुड़ जाती है। लेकिन आज का समय देखिए-
माता-पिता की लाईफ गुजर जाती है बेटे की लाईफ बनाने में और बेटा स्टेटस् रखता है माई लाईफ इज माई वाईफ
इसलिए इस नवरात्रा से ही संकल्प लीजिए की हम अपने माता-पिता का पूर्ण ध्यान रखकर उनकी सेवा करेंगे और फिर देखिए चमत्कार कैसे आपका जीवन भर जाता है खुशियों के सौगात से।
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