DIWALI-2018 || धनत्रयोदशी पर बिजनस में पाएं सक्सेस तंत्र बाधाओं को करें दूर || Suresh Shrimali

धनत्रयोदशी पर बिजनस में पाएं सक्सेस तंत्र बाधाओं को करें दूर


धनत्रयोदशी की महारात्रि पर कुबेर व महालक्ष्मी की साधना-आराधना के साथ ही तंत्र साधना का भी विशेष रूप से महत्व है तो इस रात्रि में हम तंत्र बंधन से मुक्ति का लाभ भी उठा सकते हैं। साथ ही यदि आपके बिजनस पर किसी भी तरह का जादू-टोना, नजर-दोष या वशीकरण कर रखा हों तो वह भी इस प्रयोग द्वारा दूर हो जाएं। क्योंकि कई बार बिजनस राइवलरी के चलते या पर्सनल दुष्मनी के कारण कई लोग तांत्रिकों की सहायता से व्यापार में तंत्र बाधा उत्पन्न कर देते हैं। यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके व्यापार को बांध दिया गया है तो इस प्रयोग द्वारा निष्चित आप तंत्र बाधा से व्यापार को मुक्त कराने में सफलता प्राप्त करेंगे।
साधना सामग्रीः सबसे पहले तो यह जान लें कि इस प्रयोग के लिए आपको किन सामग्रियों की आवष्यकता होगी। दूध, दही, घी, षहद, शक्कर, सवा मीटर सूती वस्त्र, चांदी या स्टील की थाली, कमल गट्टे की माला, सवा किलो मक्खन और छाछ व ग्यारह लक्ष्मी दायक कौडियां।

अब मैं आपको इस प्रयोग को कैसे करना है उसकी विधि बताने जा रहा हूं-
धनत्रयोदशी के दिन सूर्यास्त के बाद और अगले दिन सूर्योदय से पूर्व आपको यह प्रयोग करना है। सबसे पहले तो दूध, दही, घी, षहद और षक्कर को पांच कटोरियों में भर लें। पूजा स्थान पूर्व मुखी हो, बाजोट पर सवा मीटर सफेद सूती वस्त्र बिछा दीजिए। अब इस पर चांदी या स्टील, जो भी संभव हो वह थाली रखकर गेहूं से अष्टदल बनाएं, व सभी आठों खानों में कुंकुंम की बिंदी लगाएं। कमल गट्टे की माला लें और इसे दाहिने हाथ की मुट्ठी में बंद कर लें। अष्टदल पर मां लक्ष्मी से संबंधित कोई भी वस्तु, जैसे दक्षिणावर्ती षंख या श्रीयंत्र जो भी उपलब्ध हो, विराजमान करें। अब एक पात्र में मक्खन व छाछ लें व इसमें आधा कटोरी, दूध, दही आदि जो आपने पहले तैयार करके रखें है मिला लें।
फिर ऊँ महालक्ष्म्यै नमः मंत्रोच्चारण करते हुए यंत्र पर अभिषेक करते रहें। इसके बाद 11 लक्ष्मीदायक कोडिया लें व इन्हें दूध की कटोरी में डाल दें। फिर 11 बार ऊँ दक्षिण भैरवाय भूत-प्रेत बन्ध, तंत्र बंध, निग्रहनी, सर्व षत्रंु संहारिणी कार्य सिद्ध कुरू कुरू स्वाहा। मंत्र का जाप करें। इसके बाद इनको स्वच्छ जल से धो लें। यह करने के एक घंटे बाद घर के निकट जो भी चैराहा हो, आस पास चैराहा न हो तो घर के बाहर ही चारों दिषाओं में चार दीपक जलाएं व मुट्ठी में बंद माला को तोडकर फेंक दें। अब देखें कि किस दिषा वाला दीपक सबसे पहले बुझा है। उसी दिषा में उन कौडियों को भी फेंक दें। इस दौरान मन ही मन मंत्र जाप चलता रहना चाहिए। यह क्रिया संपन्न होने के पश्चात वापस घर आते वक्त पीछे मुड़कर ना देंखे। इस बात का विशेष ध्यान रखें और घर में प्रवेश करने से पहले मुंह-हाथ धौ लें और घर के मंदिर में जाकर अपने आराध्य से यह प्रार्थना करें कि मैंने शुद्ध मन द्वारा आपका ध्यान पूजा व साधना संपन्न करी है। मुझ पर किसी भी तरह का तांत्रिक दोष हो वह समाप्त होकर सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य प्रदान करें। अगले दिन सुबह मक्खन व छाछ आदि का मिश्रण बाग-बगीचे में डाल आएं। ऐसा करने से धीरे-धीरे आपका व्यापार सभी प्रकार के बंधन से मुक्त हो जाएगा।




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