कब है छठ पूजा, महत्व और छठी मां को प्रसन्न करने के 5 उपाय | SURESH SHRIMALI | GRAHON KA KHEL

 
कब है छठ पूजा, महत्व और छठी मां को प्रसन्न करने के 5 उपाय

नवरात्र, दूर्गा पूजा की तरह छठ पूजा हमारा प्रमुख त्यौहार है। खास तौर पर बिहार में इस पर्व को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। छठ मां को सूर्य देवता की बहन माना जाता है। और छठ पर्व पर सूर्योपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती हैं। इस वर्ष ये पर्व 10 नवंबर 2021 के दिन मनाया जाएगा।


इस पूजा का महत्व इसलिए भी अधिक है क्यों कि सूर्य ही है एक देवता जिन्हे प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। साथ ही इसके प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा, पिता, पूर्वज, मान-सम्मान और उच्च सरकारी सेवा का कारक भी माना गया है।


यह व्रत बहुत कठिन होता है क्योंकि इस दिन व्रत रखकर सूर्यदेव की पूजा घुटनों तक के पानी में खड़े रहकर की जाती है और मनोकामना की पूर्ति के लिए टोकरी में फल फूल व खाद्य सामग्री अर्पित की जाती है। भाई दूज के तीसरे दिन से यह व्रत शुरू होता है। इसमें पहले दिन सेंधा नमक घी से बने चावल और लौकी की सब्जी का प्रसाद बनता है। अगले दिन से उपवास शुरू होता है इस दिन रात में खीर बनाई जाती है और प्रसाद के रूप में सभी ग्रहण करते हैं तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को दूध से अघ्र्य देते हैं। अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। 


छठ पूजा के पीछे कई पुरानी मान्यता और कथाएं हैं रामायण के अनुसार लंका पर विजय के बाद भगवान राम व माता सीता ने सूर्य भगवान की पूजा की थी। और महाभारत के अनुसार सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा इसी दिन की थी। छठ पूजा उत्तम स्वास्थ्य व संतान की प्राप्ति के लिए किए जाने वाला पर्व है।


वही साइंटिफिक नजर से भी छठ पर्व का बड़ा महत्व है। क्यों की कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि एक विशेष खगोलीय अवसर, जिस समय सूर्य धरती के ैवनजीमतद भ्मउपेचीमतम में रहता है। इस दौरान सूर्य की नसजतंअपवसमज तंले पृथ्वी पर सामान्य से अधिक मात्रा में आती है। इन हानिकारक किरणों का सीधा असर लोगों की आंख, पेट व स्किन पर पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की उपासना व अर्घ्य देने से पराबैंगनी किरणें मनुष्य को हानि नहीं पहुंचाती। 


अब जानते है वो 5 विशेष उपाय, जि
ससे प्राप्त होगी छठी मां की विशेष कृपा

1. आप चार दिनों तक सूर्य की पूजा करें, गायत्री मंत्र का जाप करें और  तांबे के लोटे मै गुड़, जल और लाल पुष्प से अर्ध्य दें।

2. चार दिनों सूर्य देव को फल, मिठाई, नारियल और लाल सिंदूर जरुर चढ़ाएं।

3. घर मैं सफाई, शांति और और सात्विकता बनाए रखें।

4. जरूरतमंद को गुड़ और आटे का दान करे।

5. छठ के चारो दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य जरूर दें। 

अपने घर परिवार में सुख शांति बनाए रखने के लिए सूर्य देव से प्रार्थना करे।

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