Suresh Shrimali is versatile and multifaceted personality. Rarely do we come across such a person in our day to day life. There are people who acquire knowledge and there are people who get success but all that comes at an advanced age but to achieve such heights and at such a young age this is something that boggles our mind. And this is what makes him a brilliant exception
ये साधना दिवाली की रात 12 से 2 के बीच अकेले में करना || दीपावली साधना 2017 || Pt. Suresh Shrimali
|| दीपावली के दिन ये साधना अकेले में करना ||
एक धर्मपारायण पत्नी किसी के भी यहां क्या अकेले जाती है, नहीं। लेकिन एक मां अपने पुत्र के पुकारने पर क्या रूक पाएगी, कतई नहीं। आप भी दीपावली के दिन देवीलक्ष्मी के मातृ स्वरूप की वंदना करते है और उन्हें राजी करके, अपने घर आने का निमंत्रण देते है, विधि-विधान से पूजा संपन्न करते है। मन को संतुष्टि प्राप्त होती है। साधन के अभाव में जीने वाला व्यक्ति भी खुद के पुरूषार्थ से पूजा करता है और आशीर्वाद की कामना करता है।
हम सभी के जीवन में किसी ना किसी साधन का अभाव है। कोई धन से संपन्न है तो परिवार में रोगों ने घेर रखा है। परिवार का पूरा सहयोग है तो खुद कुछ ना कर पाने का अहसास। ऐस में दीपावली के दिन मध्य रात्रि में की गई साधना, सिद्धि देती है।
रात्रि 12 से 2 बजे के बीच, मैं जिस विधान से आपको ये साधना बता रहा हूं, उसी विधान से यदि पूरी कर ली गई तो मन में जो सोच रखा है उसे पूर्ण होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।
मध्य रात्रि में घर का एक ऐसा कमरा चुन लीजिए जहां किसी का भी कोई डिस्र्टबेन्स ना हो। पूजा कक्ष हो तो सबसे बेहतर। अब कमरे के मध्य में एक आसन बिछा लीजिए। सबसे महत्वपूर्ण बात ये साधना बिना किसी को बताए अकेले में करनी चाहिए। जिससे ऊर्जा का हृास नहीं होता। बिना सिले वस्त्र पहने, जैसे धोती, पिताम्बर आदि। अब सिद्धासन में बैठ जाएं या फिर पालथी लगा लें। थोड़ी देर के लिए आंख बंद करके, दोनों भौंहों के बीच जो स्थान है वहां ध्यान केन्द्रित करें। अब माहौल साधना के लिए उपयुक्त है।
अब शुरू होती है साधना विधि में मां लक्ष्मी का एक छोटा-सा मंत्र आपको बताने जा रहा हूं वो इस प्रकार हैः-
ऊँ महादेव्यै च विधमहे विष्णुपत्नी च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्
यहां सिर्फ मां लक्ष्मी का उल्लेख नहीं है। विष्णु पत्नी भी कहा गया है मां लक्ष्मी को, जो कि महादेवी के स्वरूप में है। इस मंत्र को कंठस्थ कर लेना आसान है। अपने हृदय में जो भी साधने की कामना आप करते है, वो रखें और सवा घण्टे तक लगातार इस मंत्र का जाप करें। इस रात्रि को किया मंत्र जाप सिद्ध हो जाता है और मन चाही सिद्धि प्राप्त होती है।
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