Suresh Shrimali is versatile and multifaceted personality. Rarely do we come across such a person in our day to day life. There are people who acquire knowledge and there are people who get success but all that comes at an advanced age but to achieve such heights and at such a young age this is something that boggles our mind. And this is what makes him a brilliant exception
रूपचतुर्दशी के दिन सम्पन्न करने वाली ‘‘श्रीहनुमान सुरक्षा साधना‘‘|| Suresh Shrimali
रूपचर्तदषी के दिन सम्पन्न करने वाली विषेष ‘‘श्रीहनुमान सुरक्षा साधना‘‘ बताने जा रहा हूँ-
इस विशेष साधना को आप वृषभ लग्न रात्रि 07 बजकर 40 मिनट से 09 बजकर 36 मिनट अथवा सिंह लग्न- रात्रि 02 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 25 मिनट के मध्य सम्पन्न कर सकते है। सर्वप्रथम आप स्नानादि से निवृत होकर धन त्रयोदशी के दिन निर्माण की हुई कुबेर पोटली को अपनी तिजोरी में विराजमान कर दें। साथ ही सभी बाजोट पर रखी सामग्रियों को यथापूर्वक स्थिति में रहने दें और दोनों बाजोट के दीपक बदलकर नये दीपक लेकर प्रज्जवलित कर दें एवं मध्य के बाजोट पर पहले की सभी सामग्री हटाकर एक पात्र में रख दें तथा पुनः वही लाल वस्त्र बिछाकर बाजोट के मध्य में काले उड़द की एक ढेरी बनाए और चारों कोनों में दो-दो लौंग व दो-दो ईलायची रख दें। फिर काले उड़द की ढेरी के आगे आप पांच ढेरियां बनाए। उन ढेरियों में पहली ढेरी तिल की, दूसरी ढेरी उड़द की, तीसरी ढेरी मसूर की, चैथी ढेरी राई और पांचवी ढेरी सरसों की बनाए तथा उन सभी ढेरियों पर इस क्रम अनुसार सामग्री रखते रहे-
तिल वाली ढेरी पर नजर सुरक्षा हेतु नजर रक्षक विराजमान करें, उड़द की ढेरी पर संकट नाश हेतु संकट नाशक साफल्य, मसूर की ढेरी पर वशीकरण निवारण हेतु वशीकरण गुटिका, राई की ढेरी पर तंत्र बाधा निवारण हेतु तांत्रोक्त चेटक व सरसों की ढेरी पर ऋण नाश हेतु हल्दी की गांठ रखें। फिर एक अन्य थाली बाजोट के आगे रख दें जिसमें अष्टगंध से श्रीराम लिखें। फिर उस पर मंत्रसिद्ध श्रीहनुमान सुरक्षा यंत्र विराजमान करें। फिर आप सवा किलो दूध लेकर उसमें थोड़ी से तिल, उड़द, मसूर, राई व सरसों डालकर पानी मिलाकर इनका मिश्रण बना ले फिर ‘‘ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।‘‘ मंत्र का जाप करते हुए उन पर अभिषेक करें। अभिषेक पूर्ण हो जाने के पश्चात् आप यंत्र को साफ व स्वच्छ जल से धो-पौंछ लें श्रीहनुमान यंत्र को काले उड़द की ढेरी पर विराजमान कर दें। फिर यंत्र पर अष्टगंध से तिलक करें, अक्षत चढ़ाएं, पुष्प चढ़ाए, धूप-दीप करें व नैवेद्य के रूप में हलवे या मावे का भोग लगाकर इस मंत्र की पांच माला जाप करें:- मंत्र:-
‘‘ऊँ हृीं हनुमंते रामदूतायै नमः।‘‘
मंत्र जाप पूर्ण हो जाने के पश्चात् आप दोनों हाथ जोड़कर संकट मोचन मंगल करण हनुमान जी से प्रार्थना करें कि हे प्रभु! इस शुभ दिवस पर आपकी यह विशेष साधना सम्पन्न की है जिसके स्वरूप आप मुझ पर व मेरे परिवारजन पर कृपा करके हमें सुरक्षा प्रदान करें जिससे हम पर आए सभी संकटों का नाश हो तथा हमें सुख-समृद्धि व शांति प्राप्त हो। इस प्रकार प्रार्थना करने के पश्चात् आप नैवेद्य घर के सभी सदस्य ग्रहण कर लें व अभिषेक किया हुआ निर्माल्य जल को पेड़-पौधों में डाल दें।
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