Dhanteras 2017|| गृहणी से बनवाया स्वास्तिक तो चारों दिशाओं से होगी पैसों की बरसात ||Suresh Shrimali





                        || गृहणी से बनवाये स्वास्तिक यंत्र ||


 अमूमन प्रत्येक त्यौहार पर महिलाएं पूजन कक्ष में या घर के बाहर कुंकुम से स्वास्तिक बनाती है। नींव का मुहूर्त हुआ तो स्वास्तिक, गृहप्रवेश पर भी स्वास्तिक, नई-नवेली दुल्हन घर पर आई तो सबसे पहले मटकी रखने वाले स्थान पर बनवाया जाता है स्वास्तिक। एक तरह से सनातन धर्म में सबसे प्रमुख यंत्र स्वास्तिक को ही माना गया है। धनत्रयोदशी, पंचदिवसीय महापर्व की शुरूआत का दिन। इस दिन आपको गृहणी के द्वारा एक विशेष तरीके से स्वास्तिक बनवाना है। यदि इस तरह आपने स्वास्तिक बनवाया तो समझिए चारों दिशाओं से अनंत द्वार धन वर्षा करेंगे। आप में से ज्यादातर लोग ये सोचते कि स्वास्तिक मध्य से शुरू होकर एक दिशा के अंतिम छोर तक जाता है, जबकि यदि आप थोड़ी सोच बदलकर देखें तो ये पाएंगे कि वो चारों अंतिम छोर जो चारों दिशाओं से आते हैं, एक केन्द्र बिंदु पर आकर मिलते है। जिस तरह प्लस का साइन होता है, जो कि जोड़ता है। हिंदी भाषा में जिसे योग भी कहते है और संस्कृत में जिसे धन की संज्ञा दी गई है। पुराने जमाने में लोग सिर्फ स्वास्तिक के केन्द्र बिंदु पर ही ध्यान केन्द्रित करके साधनाओं के अनंत छोर तक पहुंच जाते थे और उस घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि का वास रहता था। इस बार धनतेरस पर संध्या समय में महिलाओं को यह स्वास्तिक बनाना है। सबसे पहले आप आम की लकड़ी का पट्टा लेकर आईए। जिसकी साईज 8 से 12 इंच  हो तो बेहतर है। यदि आम की लकड़ी ना मिल पाए तो कोई भी लकड़ी लीजिए, उस पर प्लाई लगवा दीजिए और अब शुद्धिकरण मंत्र द्वारा उस लकड़ी के पट्टे को शुद्ध कीजिए और कुमकुम के द्वारा अब उस पट्टे पर स्वास्तिक बनाईए। स्वास्तिक आपको Right handside की अनामिका अंगुली द्वारा उकेरना है। अब कुछ अक्षत इस स्वास्तिक यंत्र पर चढ़ाईए। मौली या लाल धागा अब इस स्वास्तिक यंत्र पर रख दीजिए। अब भगवान कुबेर जो कि दिग्पाल है, उनसे प्रार्थना कीजिए कि हे! प्रभु ये चारों दिशाएं आपके आधिपत्य में है, प्रत्येक दिशा का स्वामी हम पर कृपा करें, सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखें।


 अब इसे स्थापित कहां करना है? ये प्रश्न स्वाभाविक है। अब इस सवाल का जवाब आपके पास ही है। आप अपने घर के कौनसे हिस्से को सबसे ज्यादा सजाकर यानि  lavish style में रखते है। स्वाभाविक है Drawing room ये स्वास्तिक यंत्र भी आपको धनत्रयोदशी के दिन संध्या समय में Drawing room में स्थापित करना है। नीचे लाल कपड़ा बिछा हो तो बहुत ही बेहतर। मकान जिसमें आपका निवास होता है, उसे घर बनाती है गृहणी और ये गृह हमेशा गृहणी का ऋणी ही रहता है। यानि घर का भी सौभाग्य दमकता है गृहणी की वजह से। माँ, पत्नी, बेटी, बहन, सलाहकार और संसार के ममता और वात्सल्य से भरे सारे रूप समेेटे होती है एक महिला। इस स्वास्तिक यंत्र को स्थापित करवाने के बाद गृहणी को कुछ-न-कुछ सोने, चांदी या वस्त्र के रूप में कुछ उपहार जरूर दिलवाएं। ये धनतेरस मंगलकारी हो, त्यौहार की शुरूआत का पहला दिन जब आनन्दित करने वाला होगा तो प्रत्येक दिवस खुशियों की लहर लेकर आएगा। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ धनतेरस आप सभी के लिए शुभमय हो।

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