Suresh Shrimali is versatile and multifaceted personality. Rarely do we come across such a person in our day to day life. There are people who acquire knowledge and there are people who get success but all that comes at an advanced age but to achieve such heights and at such a young age this is something that boggles our mind. And this is what makes him a brilliant exception
धनतेरस 2017 पर कर के देखे यह प्रयोग, यकीन करें लक्ष्मीजी आप का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे||Suresh Shrimali
|| धनतेरस पर ऐसा क्या करें कि लक्ष्मी वापस जाने का सोचे भी नहीं ||
धनतेरस जैसा कि नाम से मालूम चलता है कि इस तिथि का धन से बहुत बड़ा संबंध है। यदि आपके भाग्य तेज है, किस्मत प्रबल है तो पैसे की आवक पूरी रफ्तार से बढ़ती है। हम धनतेरस की शाम को दीपक जलाते है। नरक चतुर्दशी अर्थात रूप चैदस को भी दीपक जलाते है लेकिन संख्या धनतेरस से ज्यादा होती है और दीपावली को तो घर का कौना-कौना जगमगाता है। लेकिन धनतेरस पर आपको किसी ने संख्या नहीं बताई, कि पहले दिन कितने दीपक लगाने चाहिए और कब? अगर इसे पूरे तरीके से समझ लिया जाएं तो समझो हो गए वारे-न्यारे।
तेरस यानि संख्या 13, अब इस संख्या 13 से ही जुड़ा एक अचूक प्रयोग आपको बता रहा हूँ सबसे पहले शाम के समय पूजा कक्ष में एक लाल वस्त्र बिछाकर उस पर थाली रख दें। थाली में स्वास्तिक बनाए अब 13 दीपक जलाएं, इन दीपकों पर कुंकुंम की छोटी-सी बिंदी लगाएं, पुष्प की पंखुडियां चढ़ाएं और एक-एक करके सारे दीपक थाली में रख दें। पूरे परिवार को कहे कि इन दीपक को हाथ जोड़े और परिवार के प्रत्येक सदस्य से दीपक घर के बाहर की तरफ रखवाएं। अक्सर हमारा भाग्य दस्तक देता है किस्मत कहीं ओर पहुंचाना चाहती है लेकिन बुरी नजर के प्रभाव के कारण हमारी किस्मत हमेशा श्रापित रहती है।
तथाकथित बुद्धिजीवी लोग मुझसे ये पूछते है कि गुरूजी जब हमने किसी का बुरा सोचा ही नहीं तो हम पर कौन बुरी नजर डालेगा। हम तो मेहनतकश लोग है इन बातों पर विश्वास क्यों रखें?
मेरा सीधा प्रश्न उन सभी लोगों से है क्या आपको जीवन में एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि मैं जितनी मेहनत कर रहा हूं उसके अनुसार मुझे रिजल्ट नहीं मिल रहे है। ऐसा क्यों? क्या सिर्फ कर्म का ही प्रभाव है? नहीं श्रीमान् कुछ कलुषित मन के लोग आपके हुनर पर हमेशा नजरे गड़ाए बैठे रहते है। जिनका प्रभाव आप पर पड़ता है। अब फिर से आता हूं प्रयोग पर यह याद रहे ये दीपकों की ये पूजन प्रक्रिया शाम के समय ही करनी है। जब पूरी तरह से अंधेरा ना हुआ हो यानि की प्रदोष वेला पर...... फिर उसके बाद जब एक निश्चित अवधि पर दीपक स्वतः ही बुझ जाएं तो एक कटोरी लेकर जो तेल उन सब दीपकों में बचा हुआ है। उसे घर के पास किसी पीपल के पेड़ में डालकर आ जाएं और पीपल में स्थित त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश से प्रार्थना करें कि हे प्रभु! हमारे ऊपर बुरी नजर के जो भी प्रभाव है। उन्हें हटाएं और हम पर अपनी कृपा बनाए रखें।
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