शिवरात्रि क्या है? || Suresh Shrimali
शिवरात्रि क्या है?

घर में सुख, शांति और समृद्धि कैसे मिले
हर इंसान भागदौड़ भरे इस जीवन में जिस चीज की सबसे ज्यादा तलाश करता है वो है सुख और शांति, सुख है पर अशांति है, तो सुख भी सुख नहीं देता। इसलिए सुख के साथ सभी को शांति की भी तलाश है। सुख और शांति के साथ कोई चाह होती है तो वो समृद्धि की। आप भी अगर इन सुख-शांति और समृद्धि चाहते है तो कीजिए इस महाशिवरात्रि पर यह विशेष प्रयोग, प्रयोग बहुत आसान है। लेकिन इसमें आपकी सावधानी बहुत जरूरी है। सावधानी आपको शिवलिंग पर किए जाने वाले अभिषेक की सामग्री तैयार करने में रखनी है। आपको इस प्रयोग में शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करना है। पहले यह जान लें कि प्रयोग क्या है।
प्रयोग है शिवलिंग पर पंचामृत का अभिषेक करते हुए ‘‘ऊँं ऐं हृीं शिव गौरीमव हृीं ऐं ऊँं’’ मंत्र का जाप करें। इसके लिए सबसे पहले तो आप पारद अथवा स्फटिक शिवलिंग प्राप्त करें। महाशिवरात्रि को इस लिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक पूर्ण हो जाने के पश्चात शिवलिंग को साफ जल से धो-पौंछ कर पुनः मंदिर में स्थापित कर दें तथा चंदन का तिलक करें, पुष्प चढ़ाएं और प्रसाद अर्पित करें तथा घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। निर्माल्य जल का पहले पूरे घर में छिड़काव करें और शेष को अगले दिन पेड-पौधों में डाल दें। यह प्रयोग महाशिवरात्रि से प्रारम्भ कर अगले 13 सोमवार तक पूर्ण करने का संकल्प लें।
इस प्रयोग में सबसे महत्वपूर्ण है पंचामृत की तैयारी। अधिंकाश लोग पंचामृत बनाने में शुद्धता का ध्यान नहीं रखते। यह तो आपको भी पता है कि इसमें दूध, दही, मधु, शक्कर और घी होते हैं। लेकिन इनका मिश्रण कितनी मात्रा में हो? यह जानना जरूरी है। आप जितना दूध लें उससे आधा दही, दही की मात्रा से आधी मात्रा में शक्कर, शक्कर की मात्रा से आधी मात्रा में मधु और मधु की आधी मात्रा में घी मिलाकर पंचामृत तैयार करें। ध्यान से समझें यदि एक किलो दूध है तो आधा किलो दही, पाव भर शक्कर, सवा सौ ग्राम मधु और पचास ग्राम घी होना चाहिए। इस प्रयोग में यह सावधानी आवश्यक है। 13 सोमवार पूर्ण होने के साथ ही आपकी मनोकामना भी पूर्ण होगी।
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