होली का ये प्रयोग बदल देगा दुर्योग || Suresh shrimali


होली का ये प्रयोग
बदल देगा दुर्योग




जैसे दीपावली आती है हम सब सफाई करने में लग जाते हैं और दीपावली की रात्री लक्ष्मी पूजा की विशेष आराधना कर माँ लक्ष्मी का आवाह्न करते हैं। वैसे ही होली पर्व पर लोग विशेष साधनाओं को करने के लिए पूरे साल इन्तजार करते हैं उसमें ऐसे भी लोग है जो दूसरों का बुरा करने के लिए तंत्र प्रयोग करते हैं लेकिन ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो कि होली की अग्नि के साथ कुछ ऐसे प्रयोग करते हैं जिससे आपके दुकान में बिक्री बढ जाए, विवाह बाधा दूर हो, शीघ्र विवाह हो जाए, पति-पत्नी और परिवार में चल रहे तनाव में शांति आ सके और ऐसा ही एक विशेष प्रयोग लेकर में आया हूं आपके पास और ध्यान रहे जीवन में सच्ची सफलता साधनओं के मार्ग पर ही चलकर आती है। 

इन साधनाओं को करने में कुछ विशेष साधना सामग्री की आवश्यक्ता होगी जिसे आप पहले से ही प्राप्त कर लें वैसे बहुत आसानी से मिल जाएंगी लेकिन इस दुनिया में प्यार और अपनेपन को छोड़कर सब कुछ मिल जाता है।   

आप 1 मार्च की रात्रि जिसमें होलिका दहन किया जाएगा। वह पूर्णिमा की रात्रि होती है जिसमें पूजा-पाठ और तांत्रिक क्रियाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

साधना सामग्रीः-100 ग्राम जौं, 11 काले चने, तकरीबन 10 ग्राम काले तिल, 7 लौंग, 11 बताशे, दूध से बनी मिठाई, 11 कमल गट्टे, सूखे नारियल गोला कुछ लोग वाटी भी कहते है, पंच मेवा, 11 गोमती चक्र, लगभग 1 गटटा कच्चा सूत यानी धागा। ये सब आप पहले से ही प्राप्त कर लें। 

साधना विधिः-आप अपने घर के आस पास होलिका दहन के स्थान को पहले से ही चुन लें जहां विधी पूर्वक पूजा अर्चना के साथ होलिका दहन होता हो। अब आपको 1 मार्च को या उसके 1-2 दिन पहले अपने परिवार के सदस्यों की हाईट पता करनी है और उन टोटल हाईट को जोड कर उतने फीट लम्बा सफेद सूती धागा लेना है जो मैंने पहले आपको साधना सामग्री में बताया था। अब इसमें मान लिजिए बेटा या आपके पति बाहर पढाई या जाॅब कर रहे है तो उनकी भी हाईट इसमें शामिल करनी है। अब इस धागे को जो नारियल का गोला जिया है उसमें 1 इंच के आस पास छेद कर दें और फिर उस धागे को गोले में लेफ्ट से राइट लेकर बांध लें। लेकिन जहां छेद किया है उसे खुला रहने दें। अब आप इस गोले में 11 काले चने, 10 ग्राम काले तिल, 7 लौंग, 11 बताशे, 1 टी स्पून दूध से बनी मिठाई, 11 कमल गट्टे, पंच मेवा और 1 गौमती चक्र। ये सभी सामग्री आप इस गोले में डाल दें। 

अब होलिका दहन के समय यानी 1 मार्च को मुहूर्त है शाम 7ः39। तो आप वहाँ लगभग 7ः15 तक तो पहुंच ही जाएं। अब होलिका दहन के ठीक सेंटर में खडे हो जाएं लेकिन ध्यान रहे आपका मंूह पूर्व दिशा की ओर हो और होलिका से अपनी जो भी इच्छा है उसकी प्रार्थना करें। जब होलिका दहन हो जाए और अग्नी अपने पूरे उफान पर हो तब इस मन्त्र को 11 बार पढें। 

मन्त्र नोट करें। 

‘‘ऊँ हृ्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी ममगृहे धन पूरय चिन्ताम् तूरय स्वाहा।’’

और इस गोले को थोडे से जौ के साथ अग्नि में स्वाहा कर दें। उसके बाद उस होलिका की आपको 11 परिक्रमा करनी है। परिक्रमा आपको होलिका की लेफ्ट से राईट में करनी है। पहली परिक्रमा समाप्ति में 1 गोमती चक्र होलिका के उत्तर में डाल दें। दूसरी में उत्तर पूर्व के कोण यानी ईशान्य, तीसरी में पूर्व, चैथी में आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व का काॅर्नर, पांचवी में दक्षिण दिशा, छठी में नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम का काॅर्नर, सांतवी में पश्चिम दिशा, आंठवी परिक्रमा में वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम का कोना, नौंवी परिक्रमा में आकाश और दसवी में जमीन में डाल दें। इन दस परिक्रमा में आपको दसों दिशाओं से जो भी नजर या बंधन या कष्ट होगा वो समाप्त होगा तथा 11 वीं परिक्रमा आप पूर्ण कर होलिका को प्रणाम कर घर जाकर हाथ पैर धो पोंछ लें।

अब दूसरे दिन यानि रंगवाली होली के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर, जहां पिछली रात होलीका दहन हुआ था। उसमें जो गोला आपने स्वाहा किया था उसे बाहर निकाल के तोड लें और उसमें गोमती चक्र बाहर निकाल के उसमें बाद में छेद करके काले धागे में घर का कोई सदस्य गले में धारण कर लें या अपने पर्स में रख दें। अब जो गोला है उसे आप वापस होलीका में ही डाल दें। 

इस प्रयोग से लोगों द्वारा नजर, तंत्र प्रयोग अथवा कार्य में आ रही बाधा या रूकावट समाप्त होगी और होलिका के आशीर्वाद से आपको शांति प्राप्त होगी और मनोकामना पूर्ण होगी। 

आप सभी अपने जीवन में शांति प्राप्त करें, सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों और जीवन में आनंद ही आनंद हो ऐसी कामना में परम पिता परमेश्वर से करता हूं। आप सभी से मेरा एक निवेदन है कि इस पवित्र त्यौंहार को बिना झगडे के परिवार सहित मनाएं और अपने से रूठे हुए लोगों को जरूर मनाएं। जीवन 1 ही मिला है इसमें मित्र ही मित्र हो शत्रु कोई ना हो। और विशेष बात जल है तो कल है। इसीलिए 

आज रंग बरसे। कल पानी को तरसे
पानी को बचाएंगे। सूखी होली मनाएंगे।








Comments