मलमास में क्या नहीं करें ये 5 काम | SURESH SHRIMALI | GRAHON KA KHEL

मलमास 

 16 दिसम्बर से 14 जनवरी 

जरा रुकिए, ठहरिये, सोचिये, समझिये और फिलहाल टाल दीजिए

30 दिन के लिए शुभ और मांगलिक कार्य  

2021 अलविदा कहने को है और हम सभी इसी उम्मीद में है कि 2022 में नया सवेरा होगा। मैं आशा करता हूं कि नया वर्ष आपके लिए मंगलमय हो, शुभ हो। आप सुखी-प्रसन्न रहे। सुखी और प्रसन्न कैसे रह सकते हैं? जब हम शास्त्र सम्मत कार्य करें, यानी वे कार्य करें जिनको हमारे शास्त्र उचित ठहराते हैं। शास्त्र कहते हैं कि कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के नहीं करना चाहिए। सगाई हो, विवाह हो, नूतन गृह में प्रवेश हो, नए मकान की नींव का मुहूर्त हो, नया व्यापार प्रारंभ करना हो या फिर नया वाहन खरीदना हो। यही तो है शुभ कार्य। लेकिन अगर इस महीने आप कोई नया कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं तो सावधान! रुकिए! ठहरिये! सोचें! समझें! फिलहाल ऐसे किसी भी शुभ कार्य को टाल दीजिए। 

यानी 16 दिसम्बर से 14 जनवरी के बीच आपने किसी शुभ अथवा मांगलिक कार्य की योजना बना रखी है तो फिलहाल शुभ कार्य को टाल दीजिए, आखिर क्यों?  

क्योंकि 16 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि से मलमास प्रारंभ होगा जो 14 जनवरी 2022 पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि तक रहेगा। मलमास होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभकार्य का निषेध रहेगा। धनु संक्रांति पर सूर्य भगवान 16 दिसंबर गुरुवार को धनु राशि में प्रवेश करेंगे जो 14 जनवरी 2022 तक रहेंगे। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है।

मलमास में क्या नहीं करें ये 5 काम 

1. इस समय विवाह नहीं करना चाहिए। अगर विवाह किया जाए तो न तो भावनात्मक सुख मिलेगा और न ही शारीरिक सुख। पति-पत्नी के बीच अनबन रहेगी और घर में सुख-शांत का वास भी नहीं रहेगा।  


2. कोई नया बिजनस या नए कार्य की शुरूआत नहीं करें। मलमास में नया बिजनस आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलें देता है। इसलिए नया काम या बड़ा निवेश करने से बचें।


3. इसके अलावा मांगलिक कार्य जैसे कि कर्णवेध, यज्ञोपवित संस्कार और मुंडन भी नहीं करने चाहिए, क्योंकि इस दौरान किए गए कार्यों से रिश्ते खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है।


4. नए मकान का निर्माण और संपत्ति खरीदना भी वर्जित है। इस समय किए गए ऐसे शुभ कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।  


5. मलमास में भौतिक जीवन से संबंधित कार्य करने की मना ही है। हालांकि जो कार्य पूर्व निश्चित हैं, वे पूरे किए जा सकते हैं।


मलमास में क्या करें

इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का विशेष महत्व है। इस मास की एकादशियों का उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाएं। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 51 बार ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’’ का जप करें। सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य के लिए नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाना पुण्य फलदायी रहेगा। सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य इस मास में ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ, धर्म-कर्म, दान-पुण्य आदि करें।  



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