श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - 2018 || Suresh Shrimali
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

जैसा कि हम जानते है कि मथुरा के राजा कंश के अत्याचारों से मथुरा शहर थर-थर कांपता था। जब उनके अत्याचारों की परिकाष्ठा हो गयी तो एक दिन आकाशवाणी द्वारा कंश को ये सन्देश मिला कि उनकी बहन देवकी की आंठ्वी संतान, जो की पुत्र रूप में जन्म लेगी वो कंश का वध करेगी। इस बात से भयभीत हो कर कंश ने अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को कारागार में डाल दिया। देवकी से उत्पन्न प्रथम सात संतानों की कंश ने हत्या कर दी। जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो तब विष्णुदेव की सलाह से वासुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल नगरी में नन्द बाबा और यशोदा माँ के पास छोड़ कर आए। वहीं पर श्रीकृष्ण का लालन-पालन हुआ। कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस वर्ष इसे हम 02 सितम्बर 2018, सोमवार को मनाने जा रहे है।
क्या व्रत के बिना पूरी नहीं होती कामना:-

कान्हा को लगाए माखन मिश्री का भोग:-
वहीं आज के दिन श्री कृष्ण को लगने वाले भोग में इन्हें माखन मिश्री, पंजरी, पंचामृत इत्यादि अति प्रिय होने से इन्हें यह भोग लगाया जाता है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि श्रीकृष्ण के प्रत्येक भोग में तुलसी पत्र होना अत्यंत आवश्यक है। इन्हें धनिये से बनी पंजरी विशेष रूप से अर्पण की जाती है। साथ ही मक्खन व मिश्री का भोग आज के दिन श्रीकृष्ण को अर्पण करने से आपके जीवन में क्रियेटिविटी बढ़कर उमंग, उत्साह और नए जोष का संचार होगा।
Comments
Post a Comment