श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - 2018 || Suresh Shrimali

                         श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 

सज्जनों की रक्षा, दुष्टों के विनाष, धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश और प्रेम की स्नेहिल धारा को प्रवाहित करने के लिये भगवान कभी मत्स्य, वराह, नृसिंह तथा कच्छप बनते हैं, तो कभी राम, कृष्ण अथवा परषुराम। सारे देवता इसी भौतिक जगत में उत्पन्न हुए किन्तु कृष्ण अजन्मा है, इसलिए वे ब्रह्मा तथा षिवजी जैसे बड़े-बड़े देवताओं से भी भिन्न हैं और चूंकि वे ब्रह्मा, षिव तथा अन्य समस्त देवताओं के स्त्रष्टा हैं इसलिए वे समस्त लोकों के परम पुरूष है।
जैसा कि हम जानते है कि मथुरा के राजा कंश के अत्याचारों से मथुरा शहर थर-थर कांपता था। जब उनके अत्याचारों की परिकाष्ठा हो गयी तो एक दिन आकाशवाणी द्वारा कंश को ये सन्देश मिला कि उनकी बहन देवकी की आंठ्वी संतान, जो की पुत्र रूप में जन्म लेगी वो कंश का वध करेगी। इस बात से भयभीत हो कर कंश ने अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को कारागार में डाल दिया। देवकी से उत्पन्न प्रथम सात संतानों की कंश ने हत्या कर दी। जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो तब विष्णुदेव की सलाह से वासुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल नगरी में नन्द बाबा और यशोदा माँ के पास छोड़ कर आए। वहीं पर श्रीकृष्ण का लालन-पालन हुआ। कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस वर्ष इसे हम 02 सितम्बर 2018, सोमवार को मनाने जा रहे है। 

क्या व्रत के बिना पूरी नहीं होती कामना:-

आज के दिन अधिकतर लोग व्रत करते है और श्रीकृष्ण के रात्री 12 बजे जन्म के पश्चात ही अपना व्रत खोलते है। व्रत के निमित्त आज मैं आपको कुछ कहना चाहूँगा कि कोई भी देवी-देवता हमें भूखे रहने के लिए नहीं कहते या फिर ऐसा नहीं है की हम व्रत करके दिन भर भूखे रहेंगे तभी वो हमारी पूजा का उचित फल देंगे। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी शारीरिक क्षमतानुसार ही व्रत रखना चाहिए, ईश्वर हमारी पूजा में श्रद्धा, भावना और विश्वास की गहराई को देखते है। यदि फिर भी आप आज के दिन व्रत रखना चाहते है तो आप आज का दिन स्पेशल रूप से सेलिब्रेट करें, क्योंकि यह दिन कृष्ण जन्मोत्सव का है। जिस प्रकार हम हमारा जन्मदिन सेलिब्रेट करते है ठीक उसी तरह से हमें भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव सेलिब्रेट करते हुए इंजाॅय करना चाहिए दिन भर व्रत करते हुए भी व्रत में खाई जाने वाली साम्रग्रियों का सेवन करते रहना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव ना पड़े। 

कान्हा को लगाए माखन मिश्री का भोग:-

वहीं आज के दिन श्री कृष्ण को लगने वाले भोग में इन्हें माखन मिश्री, पंजरी, पंचामृत इत्यादि अति प्रिय होने से इन्हें यह भोग लगाया जाता है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि श्रीकृष्ण के प्रत्येक भोग में तुलसी पत्र होना अत्यंत आवश्यक है। इन्हें धनिये से बनी पंजरी विशेष रूप से अर्पण की जाती है। साथ ही मक्खन व मिश्री का भोग आज के दिन श्रीकृष्ण को अर्पण करने से आपके जीवन में क्रियेटिविटी बढ़कर उमंग, उत्साह और नए जोष का संचार होगा। 

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