कैसे करें तर्पण। तर्पण की सम्पूर्ण विधी। एक्प्रेस श्राद्ध | Suresh Shrimali

कैसे करें तर्पण, सम्पूर्ण विधी
 एक्प्रेस श्राद्ध

पितृो की तृप्ती के लिए हम ब्राह्मण को भोजन कराते हैं, दान-दक्षिणा देते हैं। लेकिन जब तक तर्पण की प्रक्रिया पूर्ण न हो तब तक श्राद्ध प्रक्रिया अधूरी रहती है। भोजन के 40 मिनट बाद जिस तरह पानी पीया जाना आवश्यक है उसी प्रकार पितृो को पानी पिलाने की प्रक्रिया को ही तर्पण कहते हैं। वैसे तो तर्पण के लिए गया, पुष्कर, प्रयाग या हरिद्धार आदि तीर्थों का महत्व है लेकिन यदि आपके गांव, शहर के आस-पास कोई नदी हो या पवित्र सरोवर हो तो वहां भी आप तर्पण कर सकते हैं, लेकिन यदि कोई नदी या तालाब न हो तो आप घर पर ही तर्पण सम्पन्न कर सकते हैं। 

कैसे करें यह जान लिजिए, एक पीत्तल या कांसे की परात ले लें उसमें शुद्ध जल भर लें। फिर थोड़े काले तिल और थोड़ा दूध उसमें मिला लें। यह परात अपने सामने रखकर एक अन्य खाली पात्र भी पास में रखेें। अपने दोनों हाथों के अंगुष्ठ और तर्जनी के मध्य दर्भ यानि कुषा जिसे डाब भी कहते हैं लेकर अंजलि बना लें। अर्थात दोनों हाथों को परस्पर मिलाकर उसमें जल भरें। अब अंजली में भरा हुआ जल दूसरे खाली पात्र में डाल दें। खाली पात्र में जल डालते समय तृप्यन्ताम कहते हुए जल छोड़ें। प्रत्येक पितृ के नाम का पहले उच्चारण करें फिर तीन बार अंजलि से तर्पण करें। इस प्रकार घर में ही आप तर्पण कर सकते हैं। और बाद में क्षमा भी मांगें। 

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