हमारे इनविजीबल हेल्पर हैं पित | Suresh Shrimali

 इनविजीबल 
हेल्पर हैं पितृ

आप सड़क पार कर रहे हैं और अचानक तूफानी रफ्तार कार आपके ठीक पास से निकल गई, आप बाल-बाल बच गए, आप सावधान, सतर्क होकर कार, स्कूटर चला रहे हैं लेकिन सामने से लापरवाह तरीके से आए किसी बड़े वाहन ने आपको चपेट में ले लिया, टक्कर इतनी भीषण कि वाहन चकनाचूर हो गया, पर आपको खरोंच तक नहीं आई। कई लोगों के साथ कई बार ऐसा होता है, हो सकता है आपके साथ भी ऐसा कोई हादसा हुआ हो। बच्चा गडडे में गिर गया 2 दिन बाद जिन्दा बाहर निकाला गया आप कहेंगे कि चमत्कार हो गया। दरअसल ऐसी घड़ी में हमारे इनविजीबल हेल्पर हमारी सहायता करने को आते हैं। आप विश्वास कीजिए कि यह अद्भुत, अलौकिक, रहस्यमय, अदृश्य, अप्रत्यक्ष और आश्चर्यजनक सच है कि दिवंगत पूर्वज यानी पित्तर अपने परिवार के लोगों को संकटों, घटनाओं-दुर्घटनाओं के प्रति सावधान करते हैं, मार्गदर्शन करते हैं और हमारी रक्षा भी करते हैं। इन इनविजीबल हेल्पर को हम नहीं जानते लेकिन वे हमें जानते हैं क्योंकि वे हमारे पितर हैं। पृथ्वी पर अपने देहधारी बंधु-बांधवो पर दृष्टि रखते अदेह पितर, जो श्राद्ध कर्म से संतुष्ट हैं, अपनी संतानों के धर्माचरण, सद्कर्म, पुण्य-व्रत आदि से प्रसन्न हैं, तो वे स्नेहकृपा भाव के साथ सदैव सहायता को तैयार रहते हैं। देवात्माएं भी सुरक्षा कवच बनकर हमारी सहायता करती है। हमारे आस-पास, हमारे इर्द-गिर्द इन इनविजीबल हेल्पर की उपस्थिति रहस्यमय है। हां, अगर पूर्ण श्रद्धा, विधि-विधान से पिण्डदान, तर्पण, श्राद्ध आदि किए गए हैं, अन्तरमन से स्मरण किया है तो पित्तर सामने आकर बात भी करते हैं। ऐसी एक नहीं अनेक घटनाएं हैं। 

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