सूर्य अच्छा है तो करें ये उपाय | सही बिजनस का करें चयन | Suresh Shrimali


सूर्य अच्छा है तो करें ये उपाय
 सही बिजनस का करें चयन


दुनिया में ज्यादातर लोग जाॅब, बिजनस या किसी प्रोफेशन से ही अपनी आजिविका यानी जिन्दगी को चलाते हैं। लेकिन कई बार इन्सान नासमझी में ऐसे व्यापार में हाथ आजमाता है जिससे कि उसे भारी नुकसान और कई बार तो कर्ज की स्थति भी आ जाती है। फिर उस व्यापार को आखिर में बन्द करना पडता हैं। 
बात करेंगे सूर्य ग्रह से संबंधित व्यापार की। यदि आपकी कुण्डली में सूर्य अच्छी पाॅजीशन में हैं और आप बिजनस करना चाहते हैं तो कौनसे बिजनस आपके लिए सुटेबल होंगे। साथ ही अन्त में कुछ ऐसे उपाय जो सूर्य के साथ आपकी व्यापारिक स्थति को भी मजबूत करेगा। 
पहले सूर्य की क्वालिटी को समझ लें। सूर्य ग्रहों के राजा कहे जाते है। पृथ्वी सहित सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते हैं। सूर्य आत्मा के कारक ग्रह होते हैं यानी कुण्डली में सूर्य अच्छी स्थति में है तो इन्सान कोन्फीडेंट होता है वहीं सूर्य कमजोर होने पर इन्सान डरपोक, डिसीजन लेने में देरी करता है तथा हमेशा चीजें हाथ से निकल जाने पर पछताता है। और यहां सपष्ट कर दूं कि अगर सूर्य की तरह चमकना चाहते हो तो उसकी तरह तपना शुरू कर दो। चमक जाओगे। सूर्य अच्छा हो तो पिता की सलाह बहोत काम आती हैं वहीं पिता के साथ व्यापार करने पर आशीर्वाद के साथ तरक्की के रास्ते खुल जाते है। लेकिन अगर सूर्य की पाॅजीशन अच्छी नहीं है तो उस व्यक्ति के अपने पिता से संबंध कमजोर रहते हैं, पिता से मन और मत भेद रहते है। पिता को खुद व्यापार में बहौत घाटा होगा तथा पिता पुत्र के रास्ते अलग अलग हो जाते है। 
अब आइये ये जान लें कि सूर्य के व्यापार कौन कौन से होते हैं। और अगर आपका मन उन व्यापार को करने का होता है और आगे मेरे द्धारा बताए गये उदाहरण आपकी आपकी कुण्डली में सेट बैठते हैं तो आप सूर्य संबंधित व्यापार कर सकते है। 
किसी भी वस्तु से संबंधित सरकारी ठेके लेना, लाइजनिंग का काम करना, खाने पीने की वस्तुओं का इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करना। गोल्ड ज्यूलरी का व्यवसाय करना जिसमें ट्रेडिंग और मेन्युफेक्चरिंग शामिल हैं। बिजली और मुख्य रूप से सोलर उर्जा का व्यवसाय। पौधों का व्यावसाय और स्पेशलि बोन्साई, आइ होस्पीटल या आंखों से संबंधित कोई भी कार्य। मेडिसिन और अनाज का व्यापार। 
अपनी और अपने नियर एंड डीयर की कुण्डली खोल के देखें और जो में कुछ उदाहरण दूंगा वो उन कुण्डलियों में होते हैं तो आप उन व्यापार को अपना सकते है।

अगर आपकी कुण्डली मेष लग्न हो और लग्न में उच्च के बिराजमान होें तो अपनी सांतवी दृष्टि से व्यापार भाव को देंखें, 


कुण्डली वृषभ लग्न की है यानी लग्न में 2 नं लिखा हुआ हो और सूर्य 4 हाउस में हो तो अपनी 7 वी दृष्टि से कर्म स्थान और अपने कारक स्थान को देखेेंगे इसमें कुछ लोग ये सोच सकते हैं 10 हाउस उनके पुत्र और आदर्श शत्रु शनि की राशि है तो यहाॅं में स्पष्ट कर दूं कि इस स्थति में नुकसान इसलिए नहीं होगा क्येांकि शनि वहां के कारक हैं। वहीं अगर सूर्य व्यापार भाव यानी 7 हाउस में हो अर्थात मित्र मंगल के घर में अच्छी स्थति बनेगी। कारण है इन्कम हाउस के स्वामी गुरू मित्र और धन भाव के स्वामी बुध भी मित्र होगें। 



अगर कर्क लग्न की कुण्डली है धनेश होकर 10 हाउस में बैठे हों तो तो उच्च के होंगे। 


आइये अगली स्थति की बात करते हैं। अगर आपका लग्न सिंह है और लग्न में सूर्य हों तो व्यापार भाव पर दृष्टि होगी, या वृश्चिक राशि यानी 4 हाउस में हो तो 10 हाउस कर्म स्थान में दृष्टि होगी। यहाॅं इनकम और वैल्थ हाउस के स्वामी बुध रहेगे जो कि सूर्य के मित्र हैं। 
तुला लग्न की कुण्डली हो और सूर्य 7 हाउस यानी व्यापार भाव में उच्च के हों या 11 हाउस यानी इनकम हाउस में हो तो आपके लिए सूर्य का व्यापार करना लाभदायक हो सकता है। इसमें व्यापार भाव और धन भाव के स्वामी मंगल तथा कर्म भाव के स्वामी चन्द्रमा होंगे जो कि सूर्य के मित्र हैं। 

आइये अगली स्थति की बात करें। वृश्चिक लग्न हो और सूर्य 10 हाउस में, या लग्न में हो तो व्यापार भाव पर दृष्टि होगी। इसमें इन्कम लाॅर्ड बुध और धन भाव के स्वामी गुरू भी मित्र है। 
आइये 5 वी स्थति की बात करें। यदि आपका धनु लग्न है और सूर्य व्यापार भाव यानी 7 हाउस या कर्म स्थान यानी 10 हाउस में हो भी शुभ स्थति रहेगी। 
अभी जो मेने उदाहरण दिये हैं वो अगर आपकी कुण्डली में बैठते हैं और आप सूर्य सबंधी व्यापार करने में इन्टरेस्टेड हों तो आपको आगे बढना चाहिए। वहीं अगर आप अपनी सम्पूर्ण कुण्डली का विश्लेषण करवा लें तो व्यापार की स्थिति को और भी बेहतर किया सकता है। 
अब में आपको कुछ उपाय बता रहा हूं जिनका सहारा लेकर आप सूर्य और सूर्य से संबंधित व्यापार को स्पीड दे सकेंगे हैं। 
उपायः-प्रातः स्नानादि करने के बाद तांबे के लौटे में शुद्ध जल, दूर्वा, कनेर के पुष्प, 11 गेहूं के दाने तथा थोडा कुंकुम डाल के उॅं घृणी सूर्याय नमः मन्त्र के साथ नियमित रूप से अघ्र्य दें। 
वर्ष में कम से कम 7 रविवार को अपने वजन के बराबर गेहूं का दान जरूरत मंद व्यक्ति को करें। 
अपने पिता के नित्य चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें और पिता न हो तो नित्य उनका स्मरण जरूर करें।  
तांबे के धातु की अंगूठी अनामिका अंगुली में अथवा तांबे का कडा हाथ में पहने और हो सके तो विशेष सूर्य रक्षा कवच हमारे संस्थान जोधपुर से प्राप्त कर गले में लाल धागे अथवा सोने की चेन में पहन लें। 
उम्मीद है कि आपकी जिज्ञासा को मेने शांत किया होगा। यदि और कोई प्रश्न या समस्या हो तो कमेंट करें। आपने मुझे ध्यान से सुना इसके लिए बहोत बहोत धन्यवाद और प्यार भरा आशीर्वाद। 

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